रबर उद्योगपतियों तथा विशेषज्ञों का राष्ट्रीय सम्मेलन प्रारंभ
भारत सरकार युवाओं में रबर स्किल के विकास के लिए प्रतिबद्ध : सैफ
पर्यावरण सुरक्षा हो उद्योगों का लक्ष्य : डॉ तायलिया
उदयपुर, पर्यावरण की बिगड़ी हालात तथा जलवायु परिवर्तन, लैंड स्लाइड, बाढ़, सूखा जैसी समस्याओं के प्रति देश का रबर व टायर उद्योग संवेदनशील है । रबर व टायर उद्योग गुणवत्ता पूर्ण उत्पादकता , लागत नियंत्रण तथ सुरक्षा सुनिश्चितता के मंत्रों को लेकर सर्कुलर सस्टेनेबिलिटी की दिशा में अग्रणी बन रहे है। इस दिशा में और अधिक मजबूत व समग्र प्रयासों, अनुसंधान तथा हुनर प्रशिक्षण की जरूरत है।
यह विचार इंडियन रबर इंस्टीट्यूट(आई आर आई), राजस्थान इकाई के तत्वावधान में उदयपुर में प्रारंभ हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन सत्र में व्यक्त किए गए।
“सस्टेनेबल सरकुलरिटी इन रबर इंडस्ट्रीज : क्वालिटी, कोस्ट, सेफ्टी एंड प्रोडक्टिविटी” विषयक इस राष्ट्रीय सेमिनार में देश भर के रबर उद्योगपति, अनुसंधानकर्ता, विशेषज्ञ व युवा विद्यार्थी भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में प्रस्तावना उद्बोधन देते हुए इंडियन रबर इंस्टीट्यूट के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा जे के टायर आर एंड डी केंद्र, मैसूर के निदेशक डॉ आर मुखोपाध्याय ने वैश्विक , क्षेत्रीय तथा स्थानीय पर्यावरण चुनौतियों का उल्लेख करते हुए रबर उद्योगों में सस्टेनेबिलिटी समावेशिता की संभावनाओं पर विस्तृत प्रकाश डाला।
मुख्य अतिथि रबर, केमिकल एंड पेट्रोकेमिकल स्किल डेवलपमेंट काउंसिल , एन एस डी सी , भारत सरकार के सी ई ओ मोहम्मद सैफ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं तथा युवा विकास के लक्ष्य के अनुरूप इस क्षेत्र में युवाओं के हुनर विकास के लिए में देश के बजट में विशाल धनराशि का प्रावधान रखा गया है।
विशिष्ठ अतिथि विद्या भवन सोसायटी के अध्यक्ष, प्रमुख उद्योगपति व शिक्षाविद डॉ जितेंद्र तायलिया ने कहा कि देश में एक भी पेड़ नही कटे, इस तरह के सामाजिक, सामुदायिक कार्यों तथा प्रोडक्ट विकास में उद्योगों को अग्रणी भूमिका निभानी होगी।
आई आर आई राजस्थान इकाई के शिक्षण प्रभाग के अध्यक्ष सुनील जगासिया ने विद्याभवन पॉलिटेक्निक तथा मोहन लाल सुखाडिया यूनिवर्सिटी के युवाओं में रबर तकनीकी हुनर विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया।
उल्लेखनीय है कि इस दो दिवसीय सेमिनार में बी के टायर, जे के टायर , आर एस ग्रुप ऑफ कंपनीज ,अपोलो टायर्स, सीएट टायर्स , लैंक्सेस, मदुरा टेक्सटाइल, रालसन टायर्स, केमट्रेंड, दिनकेम , एग्रो इंटरनेशनल, पुखराज एडिटिव्स , रबर किंग,पेट्रो जेल, गुजरात मल्टी गैस लिमिटेड , गुजरात पैराफिन लिमिटेड,आरती, बंसल, नॉर्थवेस्ट ग्रुप, पॉलिमर प्रोसेसर, अल्फा टेक्नोलॉजीज जैसे देश के प्रमुख उद्योग सहभागिता निभा रहे हैं।
प्रथम दिन हुए तकनीकी सत्रों का दायित्व डॉ सुनील जगासिया, डॉ राजीव भटनागर, डॉ विक्रम सिंह कुमावत, डॉ एन के शर्मा, डॉ बी बी शर्मा ने निभाया । प्रवेश सक्सेना, गणेश, विवेक पुरोहित, राजीव भटनागर, सुबोध शर्मा, सोहिल खान, अल्बीन एंटोनी, सौमित्र चौधरी, अनिल शर्मा, भव्यमंगला ने व्याख्यान दिए। संचालन चेष्टा मेहता और निर्मल राठौर ने किया।
दूसरे दिन, शनिवार को भी विविध तकनीकी सत्रों में सस्टेनेबल सरकुलरिटी पर गहन चिंतन होगा। डॉ आर मुखोपाध्याय की अध्यक्षता में होने वाले विशेष पैनल संवाद में विद्याभवन पॉलिटेक्निक के प्राचार्य , प्रमुख पर्यावरण चिंतक डॉ अनिल मेहता आमंत्रित विशेषज्ञों एस रामाकृष्णन, एस बालचंद्रन, दिनेश पोरवाल, डॉ एन के शर्मा, डॉ राजीव भटनागर की उपस्थिति में अपने विचार रखेंगे।
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