फोटो : कमल कुमावत
उदयपुर। जैसे ही नवरात्रि का दुसरा दिन आया, शहर की गलियों में गरबा की धुनें गूंजने लगीं। पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से भरा हुआ था, मानो देवी दुर्गा की कृपा से हर दिल में श्रद्धा का दीप जल उठा हो। हजारों की संख्या में जुटे भक्तों ने गरबा-डांडिया के जरिए भारत की अद्भुत संस्कृति को साकार किया, और इस महोत्सव ने एक बार फिर से सबको एक साथ थिरकने पर मजबूर कर दिया।
महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें हर ओर से भक्ति का अमिट स्वर सुनाई दिया। सिर पर मटका लेकर आए प्रतिभागियों ने माँ दुर्गा की पूजा की, उनकी भक्ति में लहराते कदम एक नई कहानी बुनते रहे। इस दिन की खासियत यह रही कि हर कोई अपने-अपने अनोखे थीम के कपड़ों में रंग-बिरंगा नजर आया। कोई ‘भूल भुलैया’ के अक्षय कुमार के रूप में गरबे में थिरक रहा था, तो वहीं एक युवती ने ‘रेप फ्री इंडिया’ का संदेश देकर सबका ध्यान खींचा। ऐसे में, गरबा केवल नृत्य नहीं, बल्कि एक जागरूकता का जश्न बन गया।
यहाँ के गरबा में रंग-बिरंगे कपड़ों में सजे-धजे लोग, अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर गुजराती बीट्स पर थिरक रहे थे। उनका उत्साह, और गरबों की मधुर धुन, मानो हर दिल को झकझोर रही थी। इसी बीच, स्टॉल पर देशभर के जायकों की महक ने सबका मन मोह लिया। गरबे का आनंद लेने के साथ-साथ, सबने खाने-पीने का भी भरपूर मजा लिया।
इस साल गरबा महोत्सव ने एक नया मील का पत्थर स्थापित किया, क्योंकि यहाँ विश्वस्तरीय साउंड सिस्टम की व्यवस्था की गई थी। हर कोने में खड़े लोग गरबा की धुनों को समान रूप से सुन पा रहे थे। साउंड का ऐसा अनुभव मानो सबको एक लय में बाँध रहा हो, और चारों ओर एक ही आवाज में गरबा की मिठास गूंज रही थी।
उदयपुर का यह गरबा महोत्सव, भक्तों के हृदय में एक अलग ही जोश भरने का काम कर रहा था। हर चेहरे पर खुशी, हर कदम में श्रद्धा, और हर धुन में माँ दुर्गा की महिमा—यह सब मिलकर इस नवरात्रि के जश्न को अविस्मरणीय बना रहे थे। आइए, हम सब भी इस गरबे के रंग में रंग जाएँ, और माँ दुर्गा के चरणों में नृत्य करते हुए अपनी भक्ति को व्यक्त करें!
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