उदयपुर। शहर के सुखेर थाना क्षेत्र में हुई एक सनसनीखेज हत्या ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। लेकिन पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने इस मामले में एक मिसाल कायम की। महज़ 48 घंटों के भीतर पुलिस ने हत्या के दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया।
रूप नगर कच्ची बस्ती के रहने वाले 26 वर्षीय शाबिर हुसैन उर्फ सोनू, अपने मोहल्ले के लड़के सदाकत हुसैन के साथ रात 8:30 बजे घर से निकले। वह कभी वापस नहीं लौटे। शाबिर की पत्नी तबस्सुम बानो ने उनके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन फोन स्विच ऑफ मिला। सदाकत से संपर्क करने पर उसका फोन भी जल्द ही बंद हो गया। परिवार में चिंता का माहौल छा गया।
जब पूरी रात और दिन शाबिर का कोई अता-पता नहीं चला, तो परिवार ने सुखेर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
इस मामले ने उस वक्त मोड़ लिया जब सोनारिया गांव के पास स्थित एक फैक्ट्री के बाहर खुले स्थान पर एक शव बरामद हुआ। शव के पास एक मोबाइल भी पड़ा हुआ था। परिजनों ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान शाबिर हुसैन उर्फ सोनू के रूप में की। शाबिर के सिर और शरीर पर गहरे घाव इस बात की गवाही दे रहे थे कि यह मामला हत्या का है।
हत्या की सूचना मिलते ही जिला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने विशेष जांच टीम गठित की। थानाधिकारी रविंद्र चारण की अगुवाई में यह टीम तकनीकी साक्ष्यों और मुखबिरों की जानकारी के आधार पर हत्यारों की तलाश में जुट गई।
जांच के दौरान पता चला कि सदाकत हुसैन और राजू खटीक, दोनों इस हत्या में शामिल हो सकते हैं। पुलिस को खबर मिली कि आरोपी अजमेर की ओर भागने की फिराक में हैं। 5 फरवरी की सुबह नेगडिया टोल नाके पर घेराबंदी करते हुए पुलिस ने हाईवे पर एक वाहन को रोका और दोनों अभियुक्तों को धर दबोचा।
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा : गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि उन्होंने आपसी रंजिश के चलते शाबिर की हत्या की।
गिरफ्तार अभियुक्त : सदाकत हुसैन उर्फ सौदागर – शाबिर का पुराना दोस्त, लेकिन आपसी दुश्मनी ने उसे हत्यारा बना दिया। राजू खटीक – सदाकत का साथी, जिसने हत्या को अंजाम देने में मदद की।
हत्या की वजह : पुलिस के अनुसार, शाबिर और सदाकत के बीच लंबे समय से आपसी रंजिश थी। सदाकत ने राजू के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से शाबिर को बुलाया और सुनसान जगह पर ले जाकर उसकी हत्या कर दी।
आरोपियों पर शिकंजा : दोनों आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब सबूतों को मजबूत कर आरोपियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की तैयारी कर रही है।
क्राइम सीन पर खड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा : “यह मामला हमारी सतर्कता और टीमवर्क की वजह से सुलझा। चाहे अपराधी कितने भी चालाक क्यों न हों, कानून की गिरफ्त से बचना नामुमकिन है।”
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