
उदयपुर। जिले के खरबडिया गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की एक नई रोशनी बिखरी, जब हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, जिंक स्मेल्टर देबारी ने ममता एचआईएमसी के सहयोग से एक मेगा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में जीबीएच उदयपुर चिकित्सालय की टीम ने अपना योगदान दिया और 200 से अधिक ग्रामीणों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई।
निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं की सौगात
इस पहल का मुख्य उद्देश्य था—ग्रामीण समुदाय को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना। शिविर में खरबडिया, मटून और कानपुर खाडा गांव के ग्रामीणों ने भाग लिया और विभिन्न चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठाया। मरीजों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार परामर्श, जांच और निःशुल्क दवाइयाँ दी गईं।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने दी चिकित्सा सेवाएं
शिविर में कई विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ग्रामीणों की जांच कर उन्हें आवश्यक उपचार दिया—
ईएनटी विशेषज्ञों ने कान, नाक और गले से जुड़ी समस्याओं की जांच की।
ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञों ने हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों की बीमारियों का परीक्षण किया।
जनरल फिजिशियन ने बुखार, रक्तचाप, संक्रमण और अन्य सामान्य बीमारियों की जांच की।
स्त्री रोग विशेषज्ञों ने महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर सलाह और परामर्श दिया।
त्वचा रोग विशेषज्ञों ने त्वचा से जुड़ी बीमारियों की जांच की।
ब्लड प्रेशर, शुगर और हीमोग्लोबिन परीक्षण जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं भी उपलब्ध कराई गईं।

स्वास्थ्य शिविर को लेकर ग्रामीणों का उत्साह
शिविर में आए ग्रामीणों ने हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के प्रयासों की सराहना की और इस तरह के आयोजनों की निरंतरता की मांग की, ताकि दूरदराज के क्षेत्रों के लोग भी समय पर चिकित्सा सेवाओं का लाभ उठा सकें।
सामुदायिक सहभागिता और जागरूकता का संदेश
इस अवसर पर सरपंच लोकेश गमेती, उपसरपंच गणेश पटेल, पीईईओ राजेश सैनिक, संस्था प्रधान कौशल्या एवं हरीश भट्ट, मटून माइंस मैनेजर रवि दवे, एजीएम रामलाल शर्मा और जिंक स्मेल्टर देबारी की सीएसआर हेड अरुणा चीता उपस्थित रहे। सभी ने स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व पर प्रकाश डाला और ग्रामीणों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सतर्क रहने का संदेश दिया।
एक कदम उज्जवल और स्वस्थ भविष्य की ओर
हिन्दुस्तान जिंक का यह स्वास्थ्य शिविर सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि एक सकारात्मक बदलाव की शुरुआत है। इस पहल ने न केवल ग्रामीणों की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान किया बल्कि उनमें एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा भी जगाई। भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम होते रहे, तो निश्चित ही ग्रामीण समुदाय का स्वास्थ्य स्तर बेहतर होगा और “सभी के लिए स्वास्थ्य” का सपना साकार हो सकेगा।
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