नई दिल्ली/वॉशिंगटन। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। इस माहौल में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिन्होंने दोनों देशों से शांति और समाधान की उम्मीद जताई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं भारत के भी बहुत क़रीब हूं और पाकिस्तान के भी बहुत क़रीब हूं। वे कश्मीर को लेकर हज़ारों सालों से लड़ रहे हैं। कश्मीर का मुद्दा हज़ारों सालों से चल रहा है और शायद उससे भी ज़्यादा समय से।” ट्रंप ने यह भी जोड़ा कि यह इलाका हमेशा से तनावग्रस्त रहा है और सीमा पर संघर्ष का इतिहास क़रीब 1500 वर्षों पुराना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह दोनों देशों के नेताओं को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान किसी न किसी तरह से इस मुद्दे का हल निकाल लेंगे। ट्रंप के मुताबिक, “यह ऐसा ही रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी ना किसी तरह से सुलझा लेंगे।”
पहलगाम हमला और भारत की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को एक आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले को लेकर भारत में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई। भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी बॉर्डर को बंद करने जैसे कई कड़े कदम उठाए।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, भारत इस हमले को एक स्पष्ट आतंकवादी कार्रवाई मानते हुए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर जवाबी रणनीति पर काम कर रहा है। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिशें भी तेज़ कर दी गई हैं।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारत के इन कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने भी कई मोर्चों पर प्रतिक्रिया दी है। इस्लामाबाद ने भारत पर क्षेत्रीय तनाव को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की बात कही है।
पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि भारत के आरोप बेबुनियाद हैं और वे कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
ग़ौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद 1947 के बाद से ही बना हुआ है, जब ब्रिटिश शासन से भारत को आज़ादी मिली और उपमहाद्वीप का विभाजन हुआ। इसके बाद से दोनों देशों के बीच तीन युद्ध हो चुके हैं और कई बार सीमाई संघर्ष हुए हैं, जिनमें नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलीबारी आम रही है।
अमेरिकी संतुलन नीति
डोनाल्ड ट्रंप की टिप्पणी इस ओर संकेत करती है कि अमेरिका इस मामले में तटस्थ रुख अपनाना चाहता है और दोनों देशों से शांति की अपील करता है। ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले भी कई बार कहा है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने को तैयार है, यदि दोनों पक्ष सहमत हों।
हालांकि भारत ने हर बार यह स्पष्ट किया है कि वह किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नहीं मानता और कश्मीर को द्विपक्षीय मुद्दा मानता है।
कश्मीर पर अमेरिका की इस तरह की टिप्पणियां भले ही संतुलन साधने की कोशिश हों, लेकिन इससे यह स्पष्ट होता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय दक्षिण एशिया के इस संवेदनशील मसले पर नज़र बनाए हुए है। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप का यह बयान एक बार फिर यह संकेत देता है कि वैश्विक शक्तियां इस क्षेत्र में स्थिरता चाहती हैं।
क्या भारत और पाकिस्तान कश्मीर विवाद को हल करने के लिए किसी साझा रास्ते पर आगे बढ़ सकेंगे, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। फिलहाल, दोनों देशों के बीच हालिया घटनाएं और प्रतिक्रियाएं इस दिशा में चुनौतियों को और गहरा करती दिख रही हैं।