
नई दिल्ली। मई 2025 में भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड जैसे एशियाई देशों में मामलों में भारी वृद्धि देखी गई है, वहीं भारत में भी हालात तेजी से बदल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 19 मई 2025 तक देश में कोविड के कुल 2057 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर उभरे हैं।
एशिया में बढ़ती चिंता, भारत भी अलर्ट पर
हांगकांग में कोविड टेस्ट की पॉजिटिविटी दर 28% तक पहुंच गई है। वहां अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या में 30% की वृद्धि दर्ज की गई है। सिंगापुर में भी 28% अधिक कोविड मामले पिछले सप्ताह की तुलना में सामने आए हैं। थाईलैंड ने स्कूलों में मास्क अनिवार्य कर दिया है। इस पूरे क्षेत्र में कोविड संक्रमण का पुनः उभार देखा जा रहा है।
भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए IDSP (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) और ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) को सक्रिय कर दिया है। दोनों संस्थाएं हालात पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं और संभावित खतरों को रोकने के लिए त्वरित डेटा एकत्र और विश्लेषण कर रही हैं।
भारत के भीतर स्थिति : राज्यवार असर
1. केरल :
केरल में पिछले 10 दिनों में कोविड मामलों में 130% वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखा है। तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड और एर्नाकुलम सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
2. महाराष्ट्र :
मुंबई, पुणे और ठाणे जैसे शहरी क्षेत्रों में संक्रमण दर 1.7% तक पहुंच गई है। राज्य सरकार ने भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना एक बार फिर अनिवार्य करने की सलाह दी है। स्कूलों और कॉलेजों में साप्ताहिक स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी गई है।
3. तमिलनाडु :
चेन्नई, मदुरै और कोयंबटूर में नए मामलों की संख्या बढ़ रही है। यहां खास तौर पर बुजुर्गों और कोमॉर्बिडिटी वाले मरीजों के लिए विशेष निगरानी जारी है।
लक्षण और संक्रमण की गंभीरता
विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार जो कोविड मामले सामने आ रहे हैं, वे हल्के लक्षणों वाले हैं। ज्यादातर मरीजों को बुखार, गले में खराश, हल्की खांसी और कमजोरी की शिकायत है। अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत बेहद कम मामलों में पाई गई है। हालांकि, 65 साल से अधिक आयु के नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
सरकारी तैयारी और कदम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर में टीकाकरण अभियान को दोबारा सक्रिय किया है। खासकर बूस्टर डोज को लेकर लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। RT-PCR और रैपिड एंटीजन टेस्ट केंद्र फिर से सक्रिय कर दिए गए हैं, खासकर हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और अस्पतालों में।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि वे जिला स्तरीय कोविड समीक्षा बैठकें नियमित रूप से करें और स्वास्थ्य ढांचे को सक्रिय बनाए रखें। साथ ही, निजी अस्पतालों को भी सतर्क किया गया है।
विशेषज्ञों की चेतावनी और सुझाव
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा, “फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन हमें सतर्क रहना होगा। अगर हम मास्क, स्वच्छता और भीड़ से बचाव जैसे कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाते हैं, तो संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ा जा सकता है।”
ICMR के प्रमुख डॉ. राजीव भटनागर ने कहा, “हम इस लहर को महामारी बनने से रोक सकते हैं अगर समय पर जाँच, आइसोलेशन और टीकाकरण किया जाए।”
स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों के लिए गाइडलाइंस
भारत सरकार ने सभी राज्यों को सुझाव दिया है कि वे शैक्षणिक संस्थानों में मॉनिटरिंग रखें और अगर किसी छात्र या स्टाफ में लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत जांच कराई जाए। कई निजी कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा देना शुरू कर दिया है।
लोगों की प्रतिक्रिया
दिल्ली निवासी पूजा वर्मा कहती हैं, “हमने सोचा था कोविड पूरी तरह खत्म हो चुका है, लेकिन अब फिर मास्क पहनना पड़ रहा है। बच्चों की पढ़ाई और बुजुर्गों की सेहत को लेकर चिंतित हूं।”
वहीं मुंबई के कारोबारी अजय जैन कहते हैं, “सरकार को टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए, लेकिन लॉकडाउन जैसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। इससे आर्थिक नुकसान होता है।”
डिजिटल हेल्थ मॉनिटरिंग और ऐप्स की वापसी
Aarogya Setu ऐप और CoWIN पोर्टल फिर से सक्रिय हो गए हैं। सरकार इनके माध्यम से संक्रमित व्यक्तियों की ट्रैकिंग, संपर्क-अनुसंधान और टीकाकरण का डेटा एकत्र कर रही है। कई राज्य ऐप-आधारित ई-पास सिस्टम की तैयारी में हैं, अगर स्थिति और गंभीर हुई तो।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, घबराएं नहीं
हालांकि अभी तक कोविड की यह नई लहर महज एक उभार के रूप में देखी जा रही है और अस्पतालों पर कोई असामान्य दबाव नहीं है, फिर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार की नजरें पूरी तरह सतर्क हैं। सामाजिक दूरी, मास्क, टीकाकरण और सजगता ही इस संक्रमण से बचाव के प्रमुख हथियार हैं।
आखिरी बात :
जनता को चाहिए कि अफवाहों से बचें, सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करें और किसी भी लक्षण के सामने आते ही तुरंत जांच कराएं। भारत ने पिछली लहरों से बहुत कुछ सीखा है, और इस बार देश ज्यादा तैयार है।
About Author
You may also like
-
लेखा शिक्षा और अनुसंधान : राष्ट्र निर्माण के दो स्तंभ – राज्यपाल बागडे
-
Back to the Rubble: Palestinians Return to the Ruins of Gaza City
-
आवाज़ जो रूह बन गई : नुसरत फ़तह अली ख़ान की कहानी
-
उदयपुर – करवा चौथ का सिनेमाई शहर : पूरा शहर मानो किसी “राज और सिमरन” के सीन में तब्दील हो गया…फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत के कैमरे से देखिए इस सीन को
-
हिन्दुस्तान जिंक का ‘#WeHearTheQuiet’ अभियान – कार्यस्थल पर नैतिकता, सामंजस्य और मानसिक स्वास्थ्य को नई दिशा