
नई दिल्ली। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने देश भर के दोपहिया वाहन चालकों से अपील की है कि वे केवल बीआईएस प्रमाणित (आईएसआई-चिह्नित) हेलमेट का ही उपयोग करें। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि बिना प्रमाणन वाले हेलमेट का निर्माण और बिक्री गैरकानूनी है और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
भारत की सड़कों पर फिलहाल 21 करोड़ से अधिक दोपहिया वाहन हैं, जिससे हेलमेट की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का महत्व अत्यंत बढ़ जाता है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हेलमेट पहनना भले ही अनिवार्य हो, लेकिन यह नियम तभी प्रभावी हो सकता है जब हेलमेट मानक गुणवत्ता का हो। घटिया और नकली हेलमेट अक्सर सड़क हादसों में गंभीर चोट या मौत का कारण बनते हैं।
सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, सरकार ने 2021 से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू किया है, जिसके तहत केवल आईएस 4151:2015 मानकों के अनुसार बीआईएस प्रमाणित हेलमेट ही वैध माने जाते हैं। इन हेलमेट पर आईएसआई मार्क होना जरूरी है, जो गुणवत्ता का संकेत है।
बीआईएस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में अब तक 500 से अधिक हेलमेट नमूनों का परीक्षण किया गया है और 30 से ज्यादा छापेमारी व जब्ती अभियान चलाए गए हैं। अकेले दिल्ली में, जिन हेलमेट निर्माताओं का लाइसेंस या तो समाप्त हो चुका था या रद्द कर दिया गया था, उनके यहां से 2500 से अधिक घटिया हेलमेट जब्त किए गए।
इसके अतिरिक्त, 17 खुदरा विक्रेताओं और सड़क किनारे दुकानों से भी ऐसे करीब 500 हेलमेट जब्त किए गए, जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।
इस अभियान के तहत सरकार ने सभी जिलों के कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों को विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है, जिसमें हेलमेट बेचने वाले अनधिकृत निर्माताओं और दुकानदारों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाए। साथ ही, इस अभियान को सड़क सुरक्षा अभियानों के साथ जोड़ने की भी सिफारिश की गई है, ताकि लोगों को हेलमेट की गुणवत्ता और प्रमाणन के प्रति जागरूक किया जा सके।
बीआईएस के मुताबिक, जून 2025 तक देश में 176 हेलमेट निर्माताओं के पास वैध लाइसेंस हैं। इसके अलावा, बीआईएस की क्षेत्रीय टीमें नियमित रूप से फैक्ट्रियों और बाजारों की निगरानी कर रही हैं ताकि मानकों का उल्लंघन रोका जा सके।
इस साल की शुरुआत में, बीआईएस चेन्नई इकाई ने एक सड़क जागरूकता अभियान और रोड शो का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय ट्रैफिक पुलिस की भागीदारी के साथ जनता को आईएसआई-मार्क वाले हेलमेट की अनिवार्यता और उपयोगिता के बारे में बताया गया। इस अभियान को सोशल मीडिया, नागरिक समाज संगठनों और मुख्यधारा मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचारित किया गया।
उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बीआईएस ने ‘बीआईएस केयर’ मोबाइल ऐप और बीआईएस पोर्टल पर एक सुविधा शुरू की है, जिसके जरिए उपभोक्ता यह जांच सकते हैं कि किसी हेलमेट निर्माता के पास वैध लाइसेंस है या नहीं। इसके अलावा, इसी ऐप पर शिकायत दर्ज करने का भी विकल्प मौजूद है।
उपभोक्ता मामलों का विभाग अपने बयान में कहता है कि घटिया हेलमेटों को बाज़ार से हटाकर, सरकार न केवल उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहती है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में मौतों की बढ़ती संख्या को भी कम करना चाहती है। यह पहल ‘सुरक्षा में समझौता नहीं’ की सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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