
उदयपुर। चहचहाते, फुदकते और रंग-बिरंगे पंखों के साथ शुक्रवार सुबह कालका माता नर्सरी में उदयपुर बर्ड फेस्टिवल की शुरुआत हुई। गौरैया, तोते, सारस, और कई विदेशी परिंदों ने इस आयोजन को अपने मधुर स्वरों से सजाया। मेहमानों में कुछ खास इंसानी मित्र भी मौजूद थे, जैसे सांसद डॉ. मन्नालाल रावत और पक्षी विशेषज्ञ असद रहमानी।
“परिंदों के संग बच्चों की अठखेलियां”

पिछोला झील के किनारे शुक्रवार सुबह पक्षी दर्शन का अद्भुत नज़ारा था। झील के छिछले पानी में अठखेलियां करते प्रवासी पक्षियों को देखकर बच्चों की मुस्कान मानो बादलों तक पहुंच गई। बच्चों ने बायनोकूलर के जरिए न सिर्फ परिंदों को निहारा, बल्कि पेंटिंग और क्विज प्रतियोगिताओं में भी जोश से हिस्सा लिया।
ट्वीट-ट्वीट एक्सपोज़िशन

सूचना केंद्र में पक्षियों पर आधारित फोटोग्राफी और डाक टिकट प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। तोतों ने चहकते हुए बताया कि इस प्रदर्शनी में 354 देशों के पक्षियों की तस्वीरें और टिकटों का संग्रह देखने को मिला। खासकर पुष्पा खमेसरा का संग्रह सभी का ध्यान खींचने में कामयाब रहा।
परिंदों की बातों में पर्यावरण की झलक

सांसद डॉ. रावत ने कहा, “परिंदों का संरक्षण हमारे लोकजीवन का हिस्सा है।” उन्होंने बताया कि कैसे हमारे बुजुर्ग नाखून फेंकने की बात पर भी पक्षियों का ख्याल रखते थे। यह बात सुनकर तोता मंडली ने ‘ठीक कहा’ की आवाज़ में सहमति जताई।
टेटू, टेल्स और ट्रीट्स
बच्चों ने पक्षियों के रूप में बने टेटू अपने चेहरे और हाथों पर बनवाए, जिससे पूरे कार्यक्रम में उत्साह का माहौल रहा।
परिंदों का संदेश :
पक्षियों ने मिलकर फुदकते हुए कहा, “हमारे संग हंसो, गाओ, लेकिन हमारी सुरक्षा का ध्यान भी रखो। पर्यावरण बचाओ, तो हमारा संसार भी महक उठेगा।”
तो अगले दो दिन, उदयपुर की फिज़ाओं में चहचहाहट और इंसानी जागरूकता की यह अनोखी जुगलबंदी जारी रहेगी।
उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों से आमजन में जागरूकता बढ़ी है। लोग पक्षी और पर्यावरण संरक्षण के लिए सतर्क हुए हैं। विधायक जैन ने उदयपुर बर्ड फेस्टिवल 2025 को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से प्रेषित शुभकामना संदेश का भी वाचन किया।

उद्घाटन समारोह को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सीईओ रविसिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, ख्यातनाम पक्षीविद् और बोम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के पूर्व निदेशक असद आर रहमानी, बीएनएचएस के रजत भार्गव, आंनदों बनर्जी, सेवानिवृत्त आईएएस विक्रमसिंह, सेवानिवृत्त वन अधिकारी आरकेसिंह, आईपीएस मथारू, राजपालसिंह, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण सदस्य राहुल भटनागर भी बतौर विशिष्ट अतिथि मंचासीन रहे।

प्रारंभ में मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एस आर वी मूर्थी, मुख्य वन संरक्षक सुनील छिद्री, उप वन संरक्षक (वन्यजीव) डी के तिवारी, उप वन संरक्षक मुकेश सैनी, उप वन संरक्षक उत्तर अजय चित्तौड़ा सहित अन्य ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दौरान उदयपुर बर्ड फेस्टिवल की स्मारिका तथा पक्षियों की जानकारी पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि सांसद डॉ रावत ने गत दिनों घायल अवस्था में मिले और उपचार के बाद स्वस्थ हुए तोतों को आजाद कर बर्ड फेस्टिवल का श्रीगणेश किया।
About Author
You may also like
-
जन जागरूकता और सहभागिता से ही संभव है उदयपुर की विरासत का संरक्षण
-
ईको सेंसिटिव जोन में अवैध निर्माण पर यूआईटी की सख्त कार्रवाई, होटल व क्लब को किया गया सील
-
राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय को राष्ट्रीय सेवा योजना में 5 राज्य स्तरीय पुरस्कार — प्रदेशभर में रचा नया कीर्तिमान
-
स्मार्ट सिटी का स्मार्ट रिव्यू : विधायक जगे, अफसरों की नींद में खलल
-
उदयपुर में ‘प्रकृति शोध संस्था’ की स्थापना : पर्यावरणीय शोध और सतत विकास की दिशा में नया कदम