अंधेरों का सौदागर – एक सनसनीखेज फिल्मी स्टोरी

उदयपुर की जगमगाती सड़कों के पीछे अंधेरे में चल रहा था एक ऐसा धंधा, जहां जिस्म की बोली लगती थी और रईसों की हवस की भूख मिटती थी। लेकिन इस बार, काले कारोबार की इस कहानी का अंत पुलिस के दांव-पेंच से होने वाला था।

एक गुप्त सूचना और ‘ऑपरेशन वैदेही’

रात का वक्त था… घड़ी की सुइयां जैसे किसी तूफान के आने का इशारा कर रही थीं। गिर्वा सर्कल के दबंग अफसर सूर्यवीर सिंह राठौड़ को खबर मिली कि वैदेही विहार के एक विला में बड़े स्तर पर अवैध दैह व्यापार चल रहा है। डीएसटी टीम के प्रभारी श्याम सिंह रतनू ने पहले ही इसकी पुष्टि कर दी थी। मामला बेहद संवेदनशील था, इसलिए तय हुआ कि एक डमी ग्राहक भेजकर सटीक सबूत जुटाए जाएंगे।

मुख्य विलेन : ओमप्रकाश जैन

इस धंधे का सबसे बड़ा दलाल था ओमप्रकाश जैन, जो शांतिनगर, सवीना का रहने वाला था। उसके बारे में कहा जाता था कि वह एक स्मार्ट बिजनेसमैन की तरह इस काले धंधे को चलाता था। उसका नेटवर्क दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, आगरा और बाराबंकी तक फैला था।

पुलिस का मास्टरस्ट्रोक

डमी ग्राहक बने जवान को विला के अंदर भेजा गया। ओमप्रकाश ने उसे लड़कियों की लाइन में से एक चुनने को कहा और एक तय रकम बताई। जवान ने तुरंत अपने फोन से सिग्नल भेज दिया—”ऑपरेशन रेडी!”

धमाकेदार रेड

ठीक उसी पल, पुलिस की टीम चारों तरफ से विला पर टूट पड़ी। सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में पुलिस ने चारों दिशाओं से घेराबंदी कर दी। जैसे ही दरवाजा तोड़ा गया, अंदर का नज़ारा चौंकाने वाला था—
✔️ एक कमरे में ओमप्रकाश जैन सोफे पर बैठा था, जैसे कोई किंगपिन हो।

✔️ दूसरे कमरे में डमी ग्राहक के साथ एक लड़की आपत्तिजनक स्थिति में थी।

✔️ तीसरे कमरे में 10 अन्य युवतियां मिलीं, जो अलग-अलग शहरों से यहां लाई गई थीं।

ड्रामा, इमोशन और सस्पेंस

युवतियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे धोखे और मजबूरी में इस धंधे में लाई गई थीं। कुछ को रोजगार दिलाने का लालच दिया गया था, तो कुछ को मॉडलिंग का सपना दिखाया गया था।

लेकिन इस बार, अंधेरों का सौदागर अपने ही जाल में फंस चुका था।

क्लाइमेक्स :

अवैध दैह व्यापार का ये गंदा खेल खत्म करने के लिए प्रकरण संख्या 125/25 दर्ज किया गया और IPC की धारा 3, 4, 5 के तहत मामला चलाया गया। पुलिस अब इस नेटवर्क की जड़ तक जाने की तैयारी में थी।

अंतिम डायलॉग

“अंधेरा कितना भी गहरा हो… एक चिंगारी ही उसे जलाने के लिए काफी होती है!”

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