उदयपुर। पुलिस थाना प्रतापनगर ने एक बेहद संगठित और खतरनाक आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह का सरगना राहुल लोहार था, जो न केवल जाली नोट छापने की साज़िश रच रहा था, बल्कि एक प्रतिष्ठित डॉक्टर के अपहरण की भी योजना बना रहा था। पुलिस की इस साहसिक कार्रवाई ने शहर को एक बड़े अपराध से बचाया और कानून के रखवालों की तत्परता को एक बार फिर साबित कर दिया।
मुख्य अभियुक्त : राहुल लोहार और साथियों का अपराधी तंत्र
मुख्य अभियुक्त राहुल लोहार सहित सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने एक किराए के मकान में जाली नोट छापने की पूरी व्यवस्था कर रखी थी। पुलिस ने उनके ठिकाने से कुल 26 लाख 50 हजार रुपये के जाली नोट और जाली नोट बनाने के अत्याधुनिक उपकरण बरामद किए हैं।
इस जटिल और संगठित ऑपरेशन में मुख्य अभियुक्तों में शामिल थे: राहुल लोहार (23), रौनक रातलिया (26), अजय भारती (18), बबलू उर्फ समीर जाट (26), शहजाद शाह (30), समीर मंसुरी (26), और लखन उर्फ कालू (21)।
खुफिया जानकारी और त्वरित कार्रवाई
12 सितंबर 2024 को पुलिस थाना प्रतापनगर के कांस्टेबल बनवारी लाल और शंकरलाल को गुप्त सूचना मिली कि वैशाली नगर स्थित एक मकान में जाली नोट छापने का काम चल रहा है। थानाधिकारी श्री भरत योगी के नेतृत्व में तुरंत एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने नियोजित तरीके से छापा मारते हुए मकान से जाली नोट और उपकरणों के साथ अभियुक्तों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
राहुल लोहार की साज़िशें : जल्दी पैसा कमाने की धुन
पूछताछ में राहुल लोहार ने बताया कि वह जल्दी पैसा कमाने के लिए जाली नोट छापने के खेल में उतरा था। इस काम में उसका साथ दिया रौनक जैन ने, जिसके किराए के मकान में ये अवैध गतिविधियां चल रही थीं। राहुल ने मध्यप्रदेश से अपने कुछ साथियों की मदद से 36 लाख 70 हजार रुपये के जाली नोट छापने और उन्हें बाजार में चलाने की योजना बनाई थी।
राहुल लोहार की हिम्मत यहीं नहीं रुकी। उसने बताया कि वह कानोड के एक नामी डॉक्टर का अपहरण कर फिरौती मांगने की भी योजना बना रहा था। इस साज़िश को अंजाम देने की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता से यह योजना धराशायी हो गई।
पुलिस टीम की वीरता
इस कार्रवाई में प्रतापनगर पुलिस के थानाधिकारी भरत योगी के नेतृत्व में बहादुर पुलिसकर्मियों की टीम शामिल थी। कांस्टेबल बनवारी लाल और शंकरलाल ने जिस सूझबूझ और तत्परता से सूचना का पालन किया, वह तारीफ के काबिल है। इनके अलावा अजय सिंह राव, मोहन सिंह, चंदन सिंह, और साइबर सेल की टीम ने भी सराहनीय भूमिका निभाई।
बरामदगी का विवरण
पुलिस ने मौके से Canon की एक डबल ट्रे फोटोकॉपी और प्रिंटिंग मशीन, नोट बनाने के विभिन्न उपकरण, और 500-500 रुपये के जाली नोटों के साथ कुल 36 लाख 70 हजार रुपये जब्त किए हैं।
यह कार्रवाई पुलिस विभाग की तेज़ सोच, साहसिक कदम, और कानून के प्रति समर्पण का एक और उदाहरण है। पुलिस की यह सफलतापूर्ण कार्रवाई न केवल अपराधियों को सलाखों के पीछे ले गई, बल्कि शहरवासियों को एक बड़े संकट से उबार लिया।
समर्पित पुलिसकर्मियों की तारीफ
इस पूरी कार्रवाई में शामिल पुलिसकर्मियों ने जो बहादुरी दिखाई, वह उनके कर्तव्यनिष्ठा और सच्ची देशसेवा का प्रतीक है। यह ऑपरेशन दिखाता है कि अपराधी चाहे कितनी भी योजनाएं बना लें, कानून के पहरेदारों की नज़रों से बच पाना नामुमकिन है।
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