उदयपुर। शहर के प्रतिष्ठित एमबी अस्पताल की मौजूदा स्थिति एक पुरानी कहावत की याद दिलाती है – “एक अनार सौ बीमार।” इमरजेंसी वार्ड की हालत इस कहावत से भी बदतर है। अस्पताल में मौजूद एकमात्र डॉक्टर को इतनी भीड़ से जूझना पड़ रहा है कि गंभीर मरीजों को भी इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। यह दृश्य किसी दूर-दराज के अस्पताल का नहीं, बल्कि उदयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का है, जहां रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं।
हालात की तस्वीरें हमारे फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत के कैमरे में कैद हुई हैं। उनके साथ एडवोकेट अशोक सिंघवी भी मौजूद थे, जो अपने किसी परिचित से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने इमरजेंसी वार्ड का दृश्य देखा, वे चौंक गए। डेंगू, मलेरिया और अन्य मौसमी बीमारियों ने शहर में हाहाकार मचाया हुआ है, और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। मरीजों को न तो समय पर बिस्तर मिल रहे हैं और न ही इलाज की सुविधा।
जरूरत है कलेक्टर साहब के निरीक्षण की
श्री अरविंद पोसवाल, जो कि उदयपुर के कलेक्टर हैं, अक्सर अस्पतालों का निरीक्षण करते रहे हैं। लेकिन इस वक्त, अस्पताल की व्यवस्था को देखकर साफ है कि एक बार फिर उनके निरीक्षण की सख्त जरूरत है। यहां का तंत्र बिल्कुल चरमराया हुआ है, और प्रशासनिक दृष्टि से इसमें तुरंत सुधार लाना बेहद जरूरी हो गया है। अगर जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति और भी विकट हो सकती है।
जनप्रतिनिधियों को भी लेनी चाहिए सुध
यह समय है जब न केवल कलेक्टर, बल्कि विधायक, सांसद और मेयर जैसे जनप्रतिनिधियों को भी अस्पताल का दौरा करना चाहिए। जमीनी हकीकत से रूबरू होकर वे बेहतर ढंग से समझ सकेंगे कि इस हालात में सुधार कैसे लाया जा सकता है। ये नेता हमेशा जनता की सेवा की बात करते हैं, तो फिर क्यों न इस मौके पर सामने आकर वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं?
समाधान की राह
इस समस्या का समाधान तभी निकल सकता है जब अस्पताल प्रशासन, स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि मिलकर कार्यवाही करें। जरूरी है कि अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ की भर्ती हो, दवाओं की आपूर्ति नियमित हो और अस्पताल में स्वच्छता के साथ-साथ अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी ख्याल रखा जाए। मरीजों को त्वरित और प्रभावी इलाज मिले, यह सुनिश्चित करना अब प्रशासन का प्राथमिक कर्तव्य होना चाहिए।
कलेक्टर पोसवाल साहब और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वे इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज न करते हुए जल्द ही ठोस कदम उठाएंगे, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।
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