उदयपुर। उदयपुर जिले में इस बार कांग्रेस को बढ़त मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। बीजेपी को अपना गढ़ बचाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। यही वजह है कि नामांकन प्रक्रिया के बाद पीएम मोदी की पहली सभा उदयपुर में है।
दरअसल पिछले चुनावों में उदयपुर जिले की आठ में से छह सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। इसमें से खेरवाड़ा और वल्लभनगर सीट ही कांग्रेस जीत पाई थी। राज्यपाल बनाए जाने के बाद सक्रिय राजनीति से दूर हुए गुलाबचंद कटारिया का असर साफ तौर पर उदयपुर जिले पर देखा जा सकता है।
उदयपुर जिले में उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, गोगुंदा, झाड़ोल-कोटड़ा, मावली, वल्लभनगर, खेरवाड़ा, सलूंबर सीटें हैं। साल 2018 के चुनावों में बीजेपी ने अच्छा प्रदर्शन किया था और उदयपुर में आठ में से छह सीटो पर जीत दर्ज की थी। इस बार आठों सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी में जबरदस्त टक्कर दिखाई दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो सभी आठ सीटों पर टक्कर हैं, इनमें आधी सीटों पर कांग्रेस और आधी सीटों पर बीजेपी को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है।
इन विश्लेषकों के मुताबिक बीजेपी ने चुनावों को ध्रुवीकरण और तुष्टीकरण के मुद्दे पर डायवर्ट कर दिया है। कांग्रेस और उनके कार्यकर्ता इस बार अलग मोड में दिखाई दे रहा हैं। वे मैदान में कांग्रेस की गारंटी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के काम पर ही बात कर रहे हैं। कुछ जगहों पर कांग्रेस ने बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे को भी छीन लिया है। ऐसी जगहों पर बीजेपी बैकफुट पर दिखाई दे रही है।
About Author
You may also like
-
आईसीएमएम के सीईओ रोहितेश धवन ने हिन्दुस्तान जिंक का दौरा कर नवाचार और ईएसजी नेतृत्व की सराहना की
-
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय विवाद: औरंगजेब बयान पर मचा बवाल, सरकार ने गठित की जांच समिति
-
राजस्थान में बिजली चोरी करने वाले सक्रिय अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई
-
दिल्ली से राजस्थान भ्रमण के लिए रवाना हुई पैलेस ऑन व्हील्स : राजस्थान की कला, संस्कृति और विरासत से रूबरू होंगे यात्री
-
उदयपुर में नेशनल ट्राईबल फूड फेस्टिवल-2025 का आगाज : परंपरागत जनजाति व्यंजनों की खुश्बू से सुवासित हो उठी झीलों की नगरी