क्राइम स्टोरी : लूट की 16 वारदातों का खुलासा, फाइनेंसकर्मियों के साथ लूट करने वाली गैंग का एक और शातिर गिरफ्तार



उदयपुर। गोवर्धनविलास पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। फाईनेंसकर्मियों के साथ लूट करने वाली शातिर गैंग के एक और सदस्य को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे पुलिस ने अब तक कुल 16 लूट की वारदातों का खुलासा किया है। पुलिस ने इस गैंग के सदस्य नवीन मीणा को गिरफ्तार किया है, जो पिछले एक साल से फाईनेंसकर्मियों को निशाना बना रहा था।

इस गैंग के अन्य दो सदस्य, अजीत कुमार मीणा और राकेश कुमार मीणा, पहले ही 4 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार हो चुके थे। इन दोनों ने 8 लूट की वारदातों में शामिल होने की बात स्वीकार की थी। नवीन मीणा ने पूछताछ में इन 8 वारदातों के साथ-साथ अन्य 8 नई लूट की घटनाओं में भी शामिल होने की बात कबूल की, जिनमें ऋषभदेव, परसाद, जावरमाईस और सराडा के थाना क्षेत्रों में हुईं घटनाएं शामिल हैं।

घटना के मुताबिक 28 नवंबर 2024 को फाईनेंस कर्मचारी अफजल मोहम्मद ने गोवर्धनविलास पुलिस थाने में एक प्रकरण दर्ज करवाया। उन्होंने बताया कि 27 नवंबर 2024 को वह अपनी कंपनी के लोन की किश्तों का करीब 78,000 रुपये लेकर उदयपुर लौट रहे थे, तभी हाईवे पर काया जैन मंदिर के पास तीन अज्ञात बदमाशों ने उनकी मारपीट कर उनका बैग लूट लिया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया और 4 दिसंबर को अजीत मीणा और राकेश मीणा को गिरफ्तार किया था, जबकि नवीन मीणा फरार था, जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस की मेहनत : पुलिस टीम ने पिछले एक साल से उदयपुर और सलुम्बर जिले के हाईवे पर फाईनेंस कर्मचारियों के साथ हो रही लूट की घटनाओं का कड़ा मुकाबला किया। पुलिस ने करीब 500 सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया और मोबाइल टावर डेटा के आधार पर संदिग्धों की पहचान की। इस कार्यवाही के बाद राकेश कुमार मीणा और अजीत कुमार मीणा को गिरफ्तार किया गया था, और नवीन मीणा की गिरफ्तारी के बाद अब तक कुल 16 लूट की वारदातों का पर्दाफाश हो चुका है।

अभियुक्तों की गैंग का तरीका : अभियुक्तों ने फाईनेंस कर्मचारियों को निशाना बनाने के लिए एक सुनियोजित तरीके से काम किया। यह गैंग पहले ग्रामीण क्षेत्रों में फाईनेंसकर्मियों की गतिविधियों की रैकी करती थी। जैसे ही कोई कर्मचारी लोन की किश्तें इकट्ठा कर हाईवे पर पहुंचता, गैंग के सदस्य उसे लूटने के लिए तैयार रहते थे। अधिकतर मामलों में यह बदमाश पॉवर बाईक का उपयोग करते थे, और सुनसान जगहों पर कर्मचारी के साथ मारपीट कर लूट की घटना को अंजाम देते थे। इसके बाद, लूटी गई राशि को आपस में बांटकर अपनी शान-ओ-शौकत में खर्च करते थे।

पुलिस अब इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी हुई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही और गिरफ्तारियां की जाएंगी। साथ ही, पुलिस ने इस गैंग के द्वारा की गई और भी कई घटनाओं की जांच शुरू कर दी है।

सफल टीम : इस सफलता को हासिल करने में गोवर्धनविलास थाना अधिकारी भवानी सिंह राजावत, सउनि कालु लाल, प्रदीप कुमार, मनोहर सिंह, दिनेश सिंह, शैतान राम, सुरेन्द्र सिंह, अंकित सिंह, मोहन लाल, लोकेश रायकवाल और अन्य पुलिसकर्मियों का अहम योगदान रहा है।

यह कहानी एक उदाहरण है कि कैसे पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी उपायों के जरिए अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिल सकती है, और अपराधियों को कानून के कटघरे में लाया जा सकता है।

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