
उदयपुर। राजस्थान की तपती धरती पर गर्मी ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है और लू के थपेड़ों ने जिले को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। इसी बढ़ते खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता की कमान संभाल ली है। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के मिनी सभागार में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर हीट वेव से बचाव के लिए माकूल प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सरकारी दफ्तरों में मिलेंगे ठंडे इंतज़ाम
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी सार्वजनिक कार्यालयों में छाया, शीतल पेयजल और प्राथमिक चिकित्सा किट की व्यवस्था हो। वहीं, लोगों को लू से बचाने के लिए मीडिया और जनसंपर्क माध्यमों से नियमित रूप से मौसम की जानकारी और बचाव के सुझाव प्रसारित करने पर भी जोर दिया गया।
तरल पदार्थ और धूप से बचाव पर ज़ोर
उन्होंने अपील की कि आमजन ज्यादा से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें और सीधी धूप में निकलने से बचें। जरूरी हो तो छाता, टोपी या अन्य सुरक्षात्मक एसेसरीज का उपयोग करें। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को भी इस संबंध में जागरूक करें।
न्यून प्रगति पर फटकार, अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस
साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा की। आयुर्वेद विभाग के रिक्त पदों और मरीजों की संख्या को लेकर जानकारी ली गई, जबकि पशुपालन विभाग की मंगला पशु बीमा योजना की धीमी रफ्तार पर नाराजगी जताई गई।
कलेक्टर मेहता ने स्पष्ट किया कि पशु बीमा योजना में मेडिकल प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। वहीं, ई-श्रम कार्ड के कार्य में प्रगति नहीं दिखाने पर श्रम विभाग को फटकार लगाते हुए विशेष ध्यान देने को कहा गया।
जो अधिकारी समीक्षा बैठक से नदारद रहे, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए।
प्रशासन की स्पष्ट चेतावनी :
जनहित में कोई लापरवाही नहीं चलेगी। सभी विभाग अगले एक सप्ताह में ठोस एक्शन प्लान प्रस्तुत करें ताकि जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आमजन तक समय पर पहुंचे।
उपस्थित रहे अधिकारी :
इस बैठक में एडीएम प्रशासन दीपेंद्र सिंह राठौड़ समेत जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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