संघर्ष से सशक्तिकरण तक : किचन क्वीन में बेटियों की चमकती प्रतिभा

उदयपुर। सिंधी समाज की ओर से आयोजित “किचन क्वीन” कार्यक्रम में आज समाज की बेटियों ने न सिर्फ अपने हाथों की काबिलियत दिखाई, बल्कि यह भी साबित किया कि परंपरा और प्रगति जब साथ चलें, तो एक नई सामाजिक ऊर्जा का जन्म होता है।

पूज्य जैकबाबाद सिंधी पंचायत के अध्यक्ष एवं पूर्व राज्य मंत्री हरीश राजानी ने बताया कि समाज की वरिष्ठ महिलाओं द्वारा शुरू की गई यह पहल, सिर्फ खाना बनाना सिखाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की एक सशक्त कोशिश है। उन्होंने बताया कि आज इस आयोजन में 182 बेटियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो समाज की एकता और जागरूकता का प्रतीक है।

आज के सत्र में रश्मि किशोर ने स्वादिष्ट केक और कुकीज़ बनाना सिखाया, वहीं महिमा चुग ने परंपरागत मिठाई रबड़ी बनाने की बारीकियाँ साझा कीं। इसके अलावा भीया आलू की सब्ज़ी, कुलचा छोले, और कई अन्य स्वादिष्ट व्यंजनों की विधियाँ भी सिखाई गईं।

कार्यक्रम का संचालन कमलेश राजानी, कैलाश नेबनानी, ज्योति राजानी, मोनिका राजानी और भारत खत्री के समर्पित निर्देशन में किया गया, जिन्होंने न केवल आयोजन को व्यवस्थित किया, बल्कि बेटियों का हौसला भी बढ़ाया।

इस प्रेरणादायक आयोजन में समाज के प्रमुख चेहरे अशोक पाहुजा, कैलाश डेमला, राजेश चुग और वरिष्ठ समाजसेवी प्रताप राय जी भी शामिल हुए। उन्होंने बेटियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, “आपका आत्मविश्वास ही समाज की असली ताकत है।”

प्रताप राय जी ने घोषणा की कि आने वाले दिनों में ब्यूटी पार्लर कोर्स जैसे व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी बिल्कुल नि:शुल्क शुरू किए जाएंगे। साथ ही समाज की बेटियों के लिए सिलाई, कंप्यूटर और संवाद कौशल जैसे कई अन्य प्रोग्राम भी शुरू करने की योजना बनाई जा रही है।


समाज की बेटियों के लिए यह मंच सिर्फ एक रसोईघर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आत्मनिर्भरता, रचनात्मकता और आत्मसम्मान की ओर एक मजबूत कदम है।

About Author

Leave a Reply