उदयपुर। सिटी पैलेस का ऐतिहासिक माणक चौक गुरुवार को उस आलौकिक दृश्य का साक्षी बना, जब मेवाड़ राजघराने ने प्राचीनकाल से चली आ रही धार्मिक-सामाजिक परंपराओं का विधिपूर्वक निर्वहन करते हुए होलिका दीपन महोत्सव का आयोजन किया। इस शुभ अवसर पर महाराणा मेवाड़ चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ अपने शाही लवाजमे के साथ राजसी वेशभूषा में पधारे, तो संपूर्ण वातावरण नवाबी ठाठ-बाट और आध्यात्मिक ऊर्जा से गूंज उठा।
मंत्रोच्चार, शंखध्वनि और वैदिक अनुष्ठानों के मध्य होलिका पूजन संपन्न हुआ, जहां महाराज कुमार साहब ने पुरोहितों के सान्निध्य में अग्नि को समर्पित पूजन सामग्री अर्पित की। परंपरा का अनुसरण करते हुए होलिका को ओढ़नी धारण करवाई गई, पुष्पमालाएं अर्पित की गईं और विधिपूर्वक श्रीफल समर्पित किया गया। तत्पश्चात, डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपने कर कमलों से होलिका प्रदीप्त की, जिससे अग्नि की लपटें जैसे समस्त विघ्नों का हरण कर मंगलकामना का संदेश देती प्रतीत हुईं।
इस अवसर पर मेवाड़ राजपरिवार की गरिमामयी उपस्थिति रही—डॉ. लक्ष्यराज सिंह की पत्नी निवृत्ति कुमारी मेवाड़, सुपुत्री मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़, प्राणेश्वरी कुमारी मेवाड़ और सुपुत्र हरितराज सिंह मेवाड़ ने भी पूजा-अर्चना में भाग लिया।
संपूर्ण सिटी पैलेस परिसर रंग-बिरंगे पुष्पों और स्वर्णिम रोशनी से जगमगा उठा, मानो पूरी धरा इस पावन क्षण का उत्सव मना रही हो। इस मौके पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा—”होलिका महोत्सव न केवल सनातन संस्कृति का अभिन्न अंग है, बल्कि यह उत्तम स्वास्थ्य, धार्मिक परंपराओं के संरक्षण, कृषकों की समृद्धि, उल्लास और सामाजिक सद्भाव को बढ़ाने वाला पर्व है।”
उन्होंने समस्त मेवाड़वासियों को इस शुभ अवसर की मंगलकामनाएं दीं और शांति, समृद्धि एवं सौहार्द की कामना की।
“राजमहलों की चौखट से निकली आस्था की जोत, परंपरा के रंगों में सराबोर सजीव होती हर रीत।”
शाही अंदाज में संपन्न यह होलिका महोत्सव एक बार फिर मेवाड़ की गौरवशाली परंपराओं की भव्यता को सजीव कर गया!
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