
उदयपुर। प्रकृति का सभी जीवों पर विशेष महत्व हैं, ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम प्रकृति को जोड़े रखने में सहायक बने. बिगड़ते पारिस्थितिकी तंत्र के लिए मनुष्य की वैश्विक प्रगति ही जिम्मेदार हैं, अतः प्रकृति के साथ संतुलन को बनाये रखने की जिम्मेदारी भी मनुष्य की ही हैं. इसके लिए जरूरी हैं कि समाज में प्रकृति के सानिध्य की जागरुकता बढ़े. य़ह विचार एल.आई.सी. के विकास अधिकारी विजय मारू ने रविवार को व्यक्त किए।

मारू विद्या भवन संस्था के प्रकृति साधना केंद्र पर एलआईसी द्वारा आयोजित सघन पौधारोपण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर संस्था के आर. एल. श्रीमाल ने प्रकृति साधना केन्द्र की जैव विविधता और यहां की गतिविधियों के बारे में मौजूद अभिकर्ताओं को जानकारी दी गई। रेवती रमन श्रीमाली ने प्रकृति में मनुष्य के व्यापक हस्तक्षेप और इसके दूरगामी परिणामों के बारे मे बताया।
कार्यक्रम में योगेन्द्र पचौरी, अनुज जैन, मोनिका कुमावत, मोहन लाल गायरी, हिम्मत सिंह, शुभम जैन, पूर्णिमा जोशी, हितेश शर्मा, प्रवीण जोशी, गौरव चेनानी, पुरुषोत्तम पालीवाल, सुरभि कुमावत, घनश्याम नागदा, शाइन जोशी, इत्यादि ने पौधरोपण करते हुए उनके संरक्षण-संवर्धन का संकल्प लिया।
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