जीवन की संध्या में पेंशन के लिए आंदोलन : राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स ने उठाई स्थायी समाधान की मांग

85 दिन से जारी जोधपुर आंदोलन के समर्थन में उदयपुर में रैली व धरना, सरकार को सौंपा गया ज्ञापन


उदयपुर। राज्य के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों के पेंशनर्स को जीवन के संध्या काल में भी अपनी जायज़ मांगों के लिए सड़क पर उतरना पड़ रहा है। पेन्शन के स्थायी समाधान और शासकीय खजाने से भुगतान की मांग को लेकर जेएनवी यूनिवर्सिटी, जोधपुर में पिछले 85 दिनों से जारी आंदोलन के समर्थन में, म.प्र.कृ.प्रौ. विश्वविद्यालय, एमएलएसयू, और कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर (उदयपुर शाखा) के कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आज संयुक्त रैली निकालकर जिला कलक्ट्रेट, उदयपुर पर धरना-प्रदर्शन किया।


रैली राजस्थान कृषि महाविद्यालय से शुरू होकर एयरपोर्ट रोड, सूरजपोल, बापू बाजार, दिल्ली गेट होते हुए जिला कलेक्ट्री पहुंची। इस दौरान नारेबाजी करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया और सरकार को मांगों से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा गया।


डॉ. एस.के. भटनागर, अध्यक्ष, मप्रकृप्रौविवि पेंशनर्स वेलफेयर सोसायटी ने कहा कि पेंशन जैसे मूल अधिकार के लिए संघर्ष करना दुखद है। तीनों विश्वविद्यालयों के कार्यरत कर्मचारियों से आधे दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर सहयोग करने की अपील की गई थी, जिसका असर रैली में स्पष्ट दिखा।


रजनीकांत शर्मा, अध्यक्ष, मप्रकृप्रौविवि शैक्षणिक कर्मचारी संघ ने बताया कि सभा को भरत व्यास, कर्ण सिंह शक्तावत और गोविंद जोशी सहित अन्य वक्ताओं ने संबोधित किया और सरकार से मांग की कि UCPF को राज्य कोष में जमा कर पेंशन का भुगतान राज्य सरकार की ओर से सुनिश्चित किया जाए।


ज्ञातव्य है कि जेएनवी यूनिवर्सिटी जोधपुर के पेंशनर्स को 8 माह, और बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय के पेंशनर्स को 22 माह से पेंशन नहीं मिली है। इसके अलावा, महंगाई भत्ता और 7वें वेतनमान के एरियर भी लंबित हैं।

कोटा तकनीकी विश्वविद्यालय में CPF जमा होने के बावजूद अब तक पेंशन भुगतान शुरू नहीं हुआ है।
प्रवीणसिंह सारंगदेवोत और डॉ. डी.एस. चुंडावत ने भी आंदोलन में एकजुटता और सरकार से त्वरित निर्णय लेने की अपील की। अंत में प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा और मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का अनुरोध किया।

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