Editor’s comment : क्या पुलिस कभी आमजन की मित्र बन पाएगी
सीआई हिमांशु सिंह राजावत द्वारा निर्मित द इनफॉर्मर फिल्म सामुदायिक पुलिसिंग पर आधारित है। मायने यह है कि आमजन अपराध के खिलाफ पुलिस का सहयोगी बने यानी पुलिस मित्र। फिल्म में ड्रग माफियाओं पर शिकंजा कसने और युवाओं को ड्रग से बचाने की बात को फिल्माया गया है। कुल मिलाकर पुलिस को हीरो यानी सिंघम और दयावान फिल्मों की तरह पुलिस ऑफिसर को ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ बताया गया है। लेकिन एक सवाल उठता है क्या चौराहे पर खड़े पुलिसकर्मी आमजन के मित्र बन पाएंगे। क्या थानों में परिवादियों के साथ अच्छा बर्ताव देखने को मिलेगा? सच यह है कि कई बार थानों में पुलिस का आमजन से ज्यादा अपराधियों से अच्छा व्यवहार देखने को मिलता है। बहरहाल सीआई हिमांशु सिंह राजावत और उनकी टीम का यह सरहनीय प्रयास है। उम्मीद हैं कि वे अपने अगले प्रोजेक्ट में पुलिस के अन्य पहलुओं पर भी काम करेंगे।
फिल्म के प्रीमियर की खबर यहां से पढ़ें
उदयपुर। पुलिस महानिरीक्षक अजयपालसिंह लांबा ने कहा है कि राज्य में समुदाय आधारित पुलिसिंग को मजबूत करने और एक अपराध मुक्त समाज बनाने की दिशा में ’द इंफॉर्मर’ःपुलिस मित्र’ फिल्म एक सराहनीय प्रयास है और इससे प्रदेशभर में जनजागरूकता पैदा होगी।
लांबा नगर निगम स्थित सुखाड़िया रंगमंच में प्रतापनगर थानाधिकारी हिमांशु सिंह राजावत द्वारा निर्मित फिल्म ‘द इंफॉर्मर : पुलिस मित्र’ फिल्म के प्रीमियर दौरान बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
इस मौके पर लांबा ने कहा कि युवा पीढ़ी आज धुम्रपान, ड्रग्स आदि नशों की लत से बर्बाद हो रही है और इससे उनका भविष्य भी खराब हो रहा है। ड्रग्स के दुष्परिणामों को दर्शाती इस फिल्म के माध्यम से युवा पीढ़ी जागरूक हो इस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने फिल्म निर्माण में लगी पूरी टीम के साथ राजावत द्वारा इस फिल्म के निर्माण के लिए की गई पहल के लिए सराहना की।
समारोह में बतौर अतिथि नगर निगम महापौर जीएस टांक, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल व एसपी भुवनभूषण, रिटायर्ड पुलिस अधिकारी हिम्मतसिंह देवल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन कपिल पालीवाल ने किया।
खचाखच भरे सभागार में प्रीमियर के आरंभ में फिल्म की पृष्ठभूमि के बारे में बताते हुए निर्माता हिमांशु राजावत ने बताया कि फिल्म की विषयवस्तु राजस्थान सरकार की ‘पुलिस मित्र’ योजना पर आधारित है और इसमें बताया गया है कि किस तरह से पुलिस मित्र बनकर समाज से अपराध रोकने में सहयोग किया जा सकता है। राजावत बताते हैं कि स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए बहुत ही कम लागत से तैयार की गई इस फिल्म के कलाकार भी स्थानीय ही है और इसमें ऐसे लोगों ने अभिनय किया है जो पहली बार कैमरे के सामने आए हैं। स्थानीय परिस्थितियों से वाकिफ कलाकारों के अभिनय ने फिल्म में जान डाल दी है। पूरी कुशलता से काम करते हुए और अपनी जन्मजात प्रतिभाओं से अनभिज्ञ समर्पित लोगों ने फिल्म को तैयार करने में बड़ा आधार प्रदान किया है। इसके साथ ही इन कलाकारों के अभिनय ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सामुदायिक भागीदारी के महत्व पर भी प्रकाश डाला है।
अनुभवों ने लिखी फिल्म की पटकथा :
कल्याण स्टूडियो कपासन के बैनर तले तैयार की गई इस फिल्म का निर्माण स्वयं हिमांशु सिंह राजावत की ओर से किया गया है। निर्देशन प्रवीण वैद्य ने किया है। फिल्म का टाइटल सॉन्ग उदयपुर के शायर व गीतकार कपिल पालीवाल ने लिखा एवं संगीतबद्ध किया है। इसको आवाज उदयपुर के दिनेश वर्मा ने दी है। फिल्म के सफल निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली पटकथा हिमांशु सिंह राजावत ने अपने और अपने साथियों के अनुभवों पर लिखी है। राजस्थान पुलिस सिपाही के रूप में उनके अनुभव से प्रेरणा लेते हुए, वास्तविक जीवन की घटनाओं के साथ कथानक और संवादों को प्रभावित किया है। प्रवीण वैद्य द्वारा उत्कृष्ट रूप से तैयार की गई पटकथा और एक्शन सीक्वेंस, कहानी में रोमांचकारी और यथार्थवादी स्पर्श जोड़ते हैं।
फिल्म के फोटोग्राफी निदेशक राज मालुसरे के अनुभवों ने राजस्थान के जीवंत परिदृश्य को संजोया है। वहीं संदेश खंबे की ओर से किया गया मेकअप अभिनेताओं को विश्वसनीय पात्रों में बदलने में मदद करता है। फिल्म के पोस्टर की डिजाइन प्रशांत शिंकरे ने की है वहीं राजेश शाह का विशेषज्ञ संपादन और इंदरदेव यादव का डिजिटल इंटरमीडिएट काम फिल्म की दृश्य अपील को बढ़ाता है, जबकि कृष्ण विश्वकर्मा का ध्वनि मिश्रण दृश्यों को जीवंत करता है। राजावत ने बताया कि प्रोडक्शन टीम में दिनेश एमएन (आईपीएस), दीपक भार्गव (आईपीएस), टाइगर 4 सिक्योरिटी और ड्राइव डिजिटल जयपुर का सहयोग मिला है।
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