कर्नाटक में जैन संत की हत्या के विरोध में जैन समाज के आह्वान पर उदयपुर बंद…यहां पढ़ें हत्या का क्या है पूरा मामला

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फोटो : कमल कुमावत

उदयपुर। कर्नाटक के बेलगावी में गत दिनों जैस संत आचार्य कामकुमार नंदी महाराज की हत्या के विरोध में जैन समाज के आह्वान पर गुरुवार को उयदपुर संभाग बंद रखा गया। लोगों ने अपने कारोबार बंद रखे। समाज की ओर से मौन जुलूस निकाला और राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सर्व समाज के धर्म गुरुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने इस संबंध में सरकार के सामने कई मांगे रखी हैं।

उदयपुर में सकल जैन समाज की ओर से बंद के दौरान टाउनहॉल से मौन जुलूस निकाला। समाज के लोगों ने जैन संतों की सुरक्षा के बैनर हाथ में पकड़े थे। साथ ही जैन संत की हत्या के आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।

समाज के लोगों ने कहा कि सुरक्षा के इंतजाम और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो मौन जुलूस झांकी है, आंदोलन अभी बाकी है…की चेतावनी भी दी गई।

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों के नाम दिए ज्ञापन में समाज ने मामले की फास्ट ट्रेक में सुनवाई करवाकर आरोपियों को जल्द सजा दिलाने, जैन संतों को पैदल विहार में सुरक्षा मुहैया करवाने, प्रत्येक राज्य में जैन श्रमण संस्कृति आयोग का गठन करने, जैन समाज सहित सर्व समाज के संत जो आजीवन पैदल विहार करते हैं, उनके रात्रि विश्राम के लिए प्रत्येक 20 किमी पर सामुदायिक आश्रय स्थल बनाने, जैन तीर्थों, मंदिरों व धर्मशालाओं के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय जैन कल्याण आयोग के गठन की मांग की है।

जैन संत आचार्य कामकुमार नंदी महाराज की हत्या का क्या है मामला

58 वर्षीय आचार्य कामकुमार नंदी महाराज के गुरुवार (6 जुलाई) को नंदीपर्वत जैन आश्रम से लापता होने की सूचना मिली थी और उनका शव शनिवार शाम को रायबाग तालुक के कटकभवी में 400 फुट ऊंचे बोरवेल में टुकड़ों में कटा हुआ मिला था। पुलिस जांच में यह हत्या का मामला सामने आया। इस पर दो आरोपी कटकभावी गांव के हसन दलायत और नारायण माली को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया जो अब न्यायिक अभिरक्षा में है।


एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक प्रथम दृष्टया, हम जानते हैं कि हत्या वित्तीय विवाद को लेकर हुई है, लेकिन हमें आगे की जांच करने की जरूरत है। नंदीपर्वत जैन आश्रम के ट्रस्टियों ने दिन भर संत की तलाश करने के बाद 7 जुलाई को चिक्कोडी पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। आखिरी बार 5 जुलाई की रात को किसी ने आचार्य जी को देखा था।
प्रथम सूचना रिपोर्ट ( एफआईआर ) में कहा गया है कि 5 जुलाई की रात को नारायण और हसन ने साधु को बिजली का झटका देकर मारने की कोशिश की। जब वे असफल रहे तो उन्होंने साधु की तौलिए से गला घोंटकर हत्या कर दी।
एफआईआर के मुताबिक, सबूतों को नष्ट करने के लिए आरोपियों ने साधु के शव को एक बोरे में डाल दिया, नारायण की बाइक पर आश्रम छोड़ दिया और रायबाग तालुक के खट्टक भाभी गांव पहुंच गए।

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