“लम्हे जो तस्वीरों में क़ैद हुए,
वो यादों की चौखट पर छोड़ गए…”
इस दर्दनाक विदाई को अपने कैमरे में संजोने वाले फोटोग्राफर कमल कुमावत की भी आंखें छलक उठीं। उन्होंने न जाने कितनी बार अरविंद सिंह मेवाड़ को अपने लेंस में क़ैद किया था, लेकिन आज उनका कैमरा सिर्फ़ आंसुओं की नमी दर्ज कर रहा था।
हर क्लिक के साथ एक याद उभर रही थी—वह राजसी शान, वो गरिमा, वो मुस्कुराहटें… सब कुछ अब सिर्फ़ तस्वीरों में रह गया। आज पहली बार उनके कैमरे ने एक ऐसी तस्वीर खींची, जिसे देखकर हर आंख भर आई—शाही परिवार का वह दृश्य, जहां बेटा लक्ष्यराज अपनी बहनों के गले लगकर फूट-फूटकर रो रहा था।
“जो तस्वीरों में हमेशा ज़िंदा थे,
आज वो यादों में समा गए…”
About Author
You may also like
-
दौसा में खाटूश्यामजी से लौटते श्रद्धालुओं का सफ़र बना मौत का सफ़रनामाः 11 ज़िंदगियां थम गईं, 7 मासूम भी शामिल
-
एलिवेटेड रोड निर्माण को मिली रफ्तार, कोर्ट चौराहे पर मंदिर परिसर अधिग्रहित भूमि पर सड़क कार्य शुरू, मंदिर का मूल स्वरूप सुरक्षित रहेगा
-
हिन्दुस्तान जिंक का वैश्विक कारनामा : ICMM में भारत की पहली पहचान
-
चार दिन से सूखी टोंटियां, दो महीने से अधर में सप्लाई — आखिर कब जागेगा जल विभाग?
-
बोहरा समाज के रूहानी पेशवा सैयदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन का उदयपुर आगमन — ईमान, मोहब्बत और बरकतों का मंजर