भूमिका : एक और युद्ध की आहट?
भारत-पाकिस्तान संबंधों में हाल के वर्षों में कई बार तनाव देखा गया है, लेकिन 7 मई 2025 की रात जो कुछ हुआ, वह एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। भारतीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और ऊधमपुर स्थित भारतीय सैन्य अड्डों पर एक साथ मिसाइल और ड्रोन हमले किए। हालांकि भारतीय सेना ने समय रहते सभी हमलों को नाकाम कर दिया और जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना इस बात का सबूत है कि सीमा पार से खतरे अभी भी उतने ही प्रबल हैं।
इस लेख में हम इस हमले की पृष्ठभूमि, इसके राजनीतिक और रणनीतिक प्रभाव, जनता की प्रतिक्रिया, और आगे की संभावनाओं की व्यापक समीक्षा करेंगे।
हमले का विवरण: कब, कहां और कैसे?
जम्मू: पहली चेतावनी
7 मई की रात करीब 8:45 बजे जम्मू शहर में एयर रेड सायरन की आवाज़ें गूंजने लगीं। कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर लोगों ने वीडियो और मैसेज भेजने शुरू कर दिए जिनमें धमाकों की आवाज़ें, बिजली गुल होना और आसमान में चमकती रोशनी का जिक्र था। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जम्मू एयरपोर्ट के पास 16 संदिग्ध वस्तुएं गिरती देखी गईं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ड्रोन या मिसाइल गिराए गए थे।
पठानकोट: रणनीतिक निशाना
पठानकोट एयरबेस पहले भी 2016 के हमले के चलते पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के निशाने पर रहा है। इस बार भी यह बेस निशाने पर रहा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, रडार ने कई अनधिकृत उड़ानों को ट्रैक किया और एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते उन्हें निष्क्रिय कर दिया। पठानकोट की संवेदनशीलता के चलते वहां अतिरिक्त सेना तैनात की गई है।
ऊधमपुर: चुपचाप लेकिन निर्णायक हमला
ऊधमपुर में भी यही पैटर्न देखा गया – अचानक ब्लैकआउट, एयर रेड सायरन और फिर हवा में उड़ते ड्रोन की पुष्टि। स्थानीय लोग भयभीत हो गए और प्रशासन ने उन्हें घरों में रहने का आदेश दिया।
ब्लैकआउट की रणनीति और साइकोलॉजिकल वॉरफेयर
राजौरी, पुंछ, कठुआ और जम्मू के कई हिस्सों में पूरी तरह ब्लैकआउट कर दिया गया। सभी बाहरी लाइटें बंद कर दी गईं, खिड़कियों को ढकने के आदेश दिए गए, और मोबाइल नेटवर्क सीमित कर दिया गया। यह न केवल दुश्मन ड्रोन को निशाना लगाने में मुश्किल पैदा करने की रणनीति थी, बल्कि लोगों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करना इसका मुख्य उद्देश्य था।
यह ब्लैकआउट एक तरह का साइकोलॉजिकल वॉरफेयर भी बन गया। रातों-रात हज़ारों नागरिकों ने युद्ध जैसे हालात का सामना किया – सायरन, बिजली की कटौती और डर के माहौल ने उन्हें भयभीत कर दिया।
लोगों की ज़ुबानी: “ऐसा पहले कभी नहीं देखा”
बीबीसी ने अपने संवाददाता दिव्या आर्या के हवाले से बताया कि कई स्थानीय लोगों ने उन्हें वीडियो भेजे जिनमें आसमान में रोशनी नजर आ रही थी। जम्मू शहर के निवासी बताते हैं कि पौने नौ बजे के आसपास कई धमाके हुए और उसके बाद पूरे इलाके की लाइट काट दी गई।
कठुआ में भी यही स्थिति रही, जहां कम से कम दो धमाके सुने गए और लोगों ने ड्रोन देखने की पुष्टि की।
गुज्जर नगर पुल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने हवाई अड्डे के पास विस्फोट होते देखे, जिसके बाद बाजार बंद हो गए और लोग भागने लगे।
भारतीय सेना की प्रतिक्रिया: मुस्तैदी और नियंत्रण
भारतीय सेना ने इस घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया दी। जम्मू, पठानकोट और ऊधमपुर में डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट किया गया। एयर डिफेंस यूनिट्स ने ड्रोन और मिसाइल को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया।
भारतीय वायुसेना ने भी एयरपैट्रोल बढ़ा दी है और पाकिस्तान सीमा के नज़दीक सभी एयरबेस हाई अलर्ट पर हैं। सेना प्रमुख ने कहा है कि भारत हर तरह की चुनौती के लिए तैयार है और यह हमला भारत की संप्रभुता को चुनौती देने वाला कदम है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: एक सुर में आक्रोश
प्रधानमंत्री कार्यालय ने रात में ही एक आपातकालीन बैठक बुलाई जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री और सेना प्रमुख मौजूद थे। बैठक के बाद एक प्रेस बयान जारी किया गया जिसमें भारत की संप्रभुता की रक्षा के लिए “सख्त कदम” उठाने की बात कही गई।
विपक्षी दलों ने भी सरकार को समर्थन देने की बात कही है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, “देश की सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं। इस कठिन समय में हम एकजुट हैं।”
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: चिंता और संयम की अपील
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने इस हमले की निंदा की है और पाकिस्तान से उकसावे की कार्रवाई से बचने की अपील की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और पाकिस्तान को संयम से काम लेना चाहिए और वार्ता से समाधान ढूंढना चाहिए।”
हालांकि चीन ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि वह पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा।
धर्मशाला में IPL मैच रद्द: खेल भी जंग के साए में
इस हमले की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि धर्मशाला में चल रहे IPL मैच – पंजाब किंग्स इलेवन और दिल्ली कैपिटल्स – को बीच में ही रद्द कर दिया गया। दर्शकों को स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया और सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
विश्लेषण: क्या यह एक सुनियोजित युद्ध की तैयारी है?
इस घटना के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं:
पाकिस्तान में आंतरिक अस्थिरता – आंतरिक दबावों से ध्यान हटाने के लिए सीमा पर तनाव बढ़ाना।
कश्मीर मुद्दा – अंतरराष्ट्रीय मंच पर कश्मीर को दोबारा चर्चा में लाने की कोशिश।
चीन-पाकिस्तान रणनीतिक सहयोग – LAC और LOC पर एक साथ दबाव बनाने की रणनीति।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह हमला “टेस्टिंग ऑपरेशन” भी हो सकता है – यह जांचने के लिए कि भारत की डिफेंस प्रणाली कितनी सटीक और तेज़ है।
तीन संभावित रास्ते:
सीमा पर जवाबी कार्रवाई – सीमित स्ट्राइक या एयर ऑपरेशन।
राजनयिक दबाव – अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना।
पूर्ण युद्ध की संभावना – जो बेहद जोखिम भरा होगा।
शांति की आशा या युद्ध की तैयारी?
7 मई 2025 की रात को जो कुछ हुआ, उसने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। जम्मू, पठानकोट और ऊधमपुर जैसे सैन्य ठिकानों पर हमला सिर्फ रणनीतिक नहीं, प्रतीकात्मक भी था – यह भारत की संप्रभुता पर सीधा हमला था।
हालांकि भारतीय सेना की सतर्कता और तैयारी ने इस हमले को नाकाम कर दिया, लेकिन यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमारे दुश्मन कभी भी, कहीं भी हमला कर सकते हैं।
अब समय है जब भारत को संयम, शक्ति और रणनीति – तीनों का संतुलन साधते हुए अपने अगला कदम तय करना होगा।
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