
नई दिल्ली। हमले के 24 घंटे के भीतर ही एलओसी पर गोलाबारी की घटनाएं सामने आने लगीं। पुंछ, उड़ी और कुपवाड़ा सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग का भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने पाकिस्तान की तीन चौकियों को तबाह कर दिया, और कम से कम 9 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की खबर भी अनौपचारिक रूप से सामने आई है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भारतीय वायुसेना ने भी एहतियातन उत्तर कश्मीर और पीर पंजाल रेंज के ऊपर फाइटर जेट्स की तैनाती कर दी है। इससे स्पष्ट है कि भारत इस बार किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहता है।
सर्वदलीय बैठक: एकता के साथ चिंता भी
दिल्ली में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने इस हमले की एक स्वर में निंदा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में हुई इस बैठक में सरकार ने सुरक्षा चूक को स्वीकार किया।
विपक्ष ने सरकार के हर निर्णय में सपोर्ट की बात कही, लेकिन साथ ही POK को आतंक की जड़ बताते हुए कार्रवाई की मांग भी उठाई।
राहुल गांधी, जो इस समय विपक्ष के नेता हैं, उन्होंने आज अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में घायलों से मिलकर संवेदना प्रकट की। उनका दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक मानवीय संदेश भी है — कि देश दुख की घड़ी में एकजुट है।
बांदीपुरा एनकाउंटर: आतंकियों की तलाश जारी
सुरक्षा एजेंसियों को मिली गुप्त सूचना के आधार पर बांदीपुरा जिले के कुलनार बाजीपुरा इलाके में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई, जो अब तक जारी है। सूत्रों के मुताबिक यहां 3 से 4 आतंकी छिपे हो सकते हैं। सेना ने इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया है और ड्रोन व हेलीकॉप्टर से निगरानी की जा रही है।
यह ऑपरेशन यह भी संकेत देता है कि पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड घाटी में ही छिपे हो सकते हैं।
जनता का आक्रोश और भावनात्मक उबाल
देशभर में इस हमले को लेकर गुस्से की लहर दौड़ गई है। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ और भोपाल जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन, कैंडल मार्च और सोशल मीडिया पर #JusticeForPahalgamVictims जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
चांदनी चौक जैसे प्रमुख बाजार बंद रहे, और व्यापारियों ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
पीड़ित परिवारों ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारे बच्चे सिर्फ सैर-सपाटे के लिए गए थे, उन्हें क्या पता था कि आतंक का शिकार हो जाएंगे? हमें इंसाफ चाहिए, और हम सरकार से मांग करते हैं कि इन दरिंदों को खत्म किया जाए।”
सैन्य और राजनीतिक संकेत: क्या सर्जिकल स्ट्राइक दोहराई जाएगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अब “स्ट्रेटेजिक पेस” में है। यानी कूटनीतिक, सैन्य और आर्थिक तीनों मोर्चों पर समान गति से दबाव बनाया जा रहा है।
साल 2016 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक से भारत ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अब आतंकी हमलों का जवाब सीधे उनकी जमीन पर मिलेगा।
इस बार भी चर्चा गर्म है कि यदि जांच से पाकिस्तान की संलिप्तता पुख्ता हुई, तो भारत एक और सर्जिकल या एयर स्ट्राइक की तैयारी में है।
भविष्य की रणनीति : सिंधु जल संधि, व्यापारिक संबंध, FATF दबाव
भारत अब पाकिस्तान पर बहुपक्षीय दबाव बनाने की दिशा में भी काम कर रहा है:
सिंधु जल संधि का पुनरीक्षण: भारत अपने हिस्से का पानी रोक सकता है, जिससे पाकिस्तान के सिंचाई तंत्र पर गहरा असर पड़ेगा।
FATF (Financial Action Task Force) में पाक को ब्लैकलिस्ट कराने का प्रयास: भारत आतंक के वित्तपोषण में पाकिस्तान की भूमिका को वैश्विक मंच पर उजागर कर सकता है।
SAARC और अन्य दक्षिण एशियाई संगठनों में पाकिस्तान को अलग-थलग करना।
बिजनस और व्यापारिक रिश्तों को न्यूनतम करना।
आतंक का अंत, अब शब्दों से नहीं – कार्रवाई से होगा
पहलगाम हमला हमें यह बताता है कि आतंकवाद अब किसी भी मासूम चेहरे को नहीं छोड़ता — चाहे वह सैलानी हो, छात्र हो या बच्चा। यह हमला न केवल भारत की आंतरिक सुरक्षा पर सीधा वार है, बल्कि यह देश के धैर्य की अंतिम परीक्षा भी है।
अब समय आ गया है कि भारत संयम के स्थान पर साहस का रास्ता अपनाए। देश की जनता, सेना, सरकार और राजनीतिक नेतृत्व — सभी एक स्वर में मांग कर रहे हैं कि अब जवाब ‘कड़ी निंदा’ नहीं, निर्णायक कार्रवाई होनी चाहिए।
और यदि इतिहास गवाह है, तो वह कहता है —”भारत जब मौन तो तपस्वी, लेकिन जब जागा… तो दुश्मन को धूल चटा दी।”
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