उदयपुर। वर्ष 2024 में गठित महाराणा भूपाल अस्पताल मित्र टीम ने पिछले दो माह में तीन लावारिसों को अपने घर पहुंचा, साथ ही दो को वृद्ध आश्रम में आश्रय दिलाया।

अधीक्षक डॉ.आर.एल. सुमन ने बताया कि बहुत बार ऐसा देखने को मिलता था कि अस्पताल में मरीज भर्ती कर परिजन छोड़कर चले जाते हैं या किन्हीं परिस्थितियों बस मरीज अस्पताल के इर्द-गिर घूमते रहते हैं जो की वार्ड में लावारिस या आसपास के पार्क इलाके में अपना आश्रय ले लेते थे।
मानव सेवा परमो धर्म के तहत अस्पताल इलाके में कोई भी लावारिस नहीं रहे, कोई भी ऐसा है कि जरूरत के समय सेवा करना परम उद्देश्य के साथ एक टीम का गठन किया गया जो कि इन लावारिस की हर समय सहायता कर इनको अपने घर तक या आश्रम तक पहुंचाने का कार्य करने लगी।

इसी के तहत पिछले दो माह में तीन मरीजों को आखिर ढूंढ निकाल कर उनके घर तक पहुंचाया एवं दो मरीजों को अभी भी आश्रम में स्थान दिलाया। साथ ही यह टीम लगातार ऐसे ही मरीजों पर निगरानी रखते हुए 24 घंटे अस्पताल की तरफ से स्पेशल केयरटेकर लगाकर भी मरीजों की सेवा कर रही है, साथ ही डॉक्टर सुमन ने यह भी बताया इसी के साथ पालना गृह में आने वाले सभी अनाथ बच्चों की सेवा में भी स्पेशल केयरटेकर लगाकर उनको बाल गृह तक पहुंचाने का कार्य अस्पताल प्रशासन द्वारा कुशलता से किया जा रहा है जिसके तहत हर साल करीब 20 से 25 बच्चे अस्पताल में पालना गृह में आ जाते हैं।

यह है अस्पताल मित्र टीम डॉक्टर

श्रुति चारण चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर भावेश चिकित्सा अधिकारी, रमेश आर्य नर्सिंग अधीक्षक, दिव्यांशु सालवी एवं श्रीमती पूजा सैनी। यह टीम प्रतिदिन इन लावारिस मरीजों की निगरानी के साथ ही पुलिस वेरिफिकेशन करना, आश्रम के साथ समन्वय बनाना एवं वहां तक अस्पताल एंबुलेंस द्वारा पहुंचाने का पूरा काम करती है। साथ ही डॉ. सुमन ने आमजन से भी निवेदन किया कि कोई भी परिवार ष्अपनों को छोड़े नहीं मिलाने का काम करें।
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