हादी मतर को 2022 में हुए हमले के प्रयास में दोषी करार, रुश्दी की दाईं आंख हमेशा के लिए गई
न्यूयॉर्क। प्रसिद्ध लेखक सलमान रुश्दी पर जानलेवा हमला करने वाले हादी मतर को 25 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा न्यूयॉर्क राज्य के चाटोक्वा काउंटी कोर्ट ने शुक्रवार को सुनाई, करीब तीन महीने बाद जब मतर को दूसरी डिग्री के तहत हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया गया था।
27 वर्षीय हादी मतर, न्यू जर्सी का रहने वाला है। उसने अगस्त 2022 में पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम के दौरान मंच पर चढ़कर सलमान रुश्दी पर अचानक चाकू से हमला कर दिया था। इस हमले में लेखक 15 बार चाकू से घायल हुए – उनके सिर, गर्दन, पेट और हाथ पर वार किए गए। इस हमले के कारण उनकी दाईं आंख की रोशनी हमेशा के लिए चली गई, और उनका लीवर व आंतें भी बुरी तरह जख्मी हुईं।
रुश्दी ने फरवरी में अदालत में गवाही देते हुए उस पल का ज़िक्र किया जब उन्हें लगा कि उनकी मौत निश्चित है। उन्होंने कहा, “मैंने खुद को बहुत सारा खून में लेटे हुए पाया। समय का एहसास धुंधला था। मेरी आंख और हाथ में भयानक दर्द हो रहा था, और मुझे साफ़ लगा कि मैं मर रहा हूं।”
मतर को नहीं कोई पश्चाताप
सजा सुनाए जाने से पहले मतर ने अदालत में बयान दिया जिसमें उसने न कोई पछतावा जताया और न ही माफी मांगी। उसने कहा : “सलमान रुश्दी दूसरों का अपमान करना चाहता है। वह एक बदमाश की तरह व्यवहार करता है। मैं इससे सहमत नहीं हूं।”
मतर को राल्फ हेनरी रीज़ नामक एक कार्यक्रम संचालक को घायल करने के लिए अलग से 7 साल की सजा भी दी गई है, जो रुश्दी के साथ मंच पर मौजूद थे। हालांकि, दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी, क्योंकि दोनों हमले एक ही घटना का हिस्सा थे।
जिला अटॉर्नी जेसन श्मिट ने अदालत में कहा कि मतर का इरादा केवल सलमान रुश्दी को ही नहीं, बल्कि कार्यक्रम में मौजूद 1400 दर्शकों को भी भयभीत करने का था।
“यह हमला योजनाबद्ध था ताकि वह अधिक से अधिक नुकसान पहुँचा सके। यह सजा उसी की एक ज़िम्मेदारी है, जिसे उसने खुद चुना,” श्मिट ने कहा।
वकील का तर्क : मतर को निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिली
मतर के वकील नाथानियल बैरोन ने अदालत को बताया कि मतर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था और यह मामला शुरू से ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया में छाया रहा।
“शुरू से ही मतर को निर्दोष मानने की कोई संभावना नहीं रही,” बैरोन ने कहा। “यह मुकदमा एक अंतरराष्ट्रीय तमाशा बन गया है।”
हमले के पीछे आतंकी सोच
मतर के इस हमले के पीछे की प्रेरणा के बारे में अदालत में बताया गया कि उसने 2006 में हिज़बुल्ला प्रमुख हसन नसरल्ला का एक भाषण सुना था। उस भाषण में नसरल्ला ने 1989 में ईरानी धार्मिक नेताओं द्वारा सलमान रुश्दी पर जारी फतवे (मौत का आदेश) का समर्थन किया था। यह फतवा रुश्दी की चर्चित और विवादास्पद पुस्तक “द सैटेनिक वर्सेज़” के कारण जारी किया गया था, जिसे ईरान में ईशनिंदा माना गया।
मतर ने हमले के बाद 2022 में कबूल किया कि उसने उस किताब के सिर्फ कुछ पन्ने ही पढ़े थे। फिर भी, उसने रुश्दी को “अपमानजनक” मानते हुए उन्हें मारने का प्रयास किया।
‘नाइफ’ में लिखा दर्द
इस हमले के बाद रुश्दी ने अपनी ज़िंदगी की सबसे कठिन यात्रा को एक संस्मरण के रूप में लिखा – जिसका नाम है “Knife: Meditations After an Attempted Murder”। इसमें उन्होंने न सिर्फ अपने शारीरिक कष्टों का जिक्र किया, बल्कि मानसिक और सामाजिक संघर्षों को भी विस्तार से बताया।
भारत में जन्मे, और अब ब्रिटिश-अमेरिकी नागरिकता रखने वाले सलमान रुश्दी पिछले तीन दशकों से कट्टरपंथियों के निशाने पर रहे हैं। लेकिन यह हमला उनके जीवन का अब तक का सबसे गंभीर और जानलेवा हमला था।
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