हत्या की तस्वीर, बदले की कहानी और कानून का शिकंजा : उदयपुर में पांच को उम्रकैद

उदयपुर। एक पेड़ से लटकी लाश की तस्वीर… और उसके पीछे छुपी एक दिल दहला देने वाली कहानी। राजस्थान के मांडवा थाना क्षेत्र में फरवरी 2023 में हुए युवक अपहरण और हत्या के मामले में अदालत ने पांच आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। न्याय की इस लड़ाई में गवाह बने 19 लोग, दस्तावेजों का ढेर और 7 आर्टिकल्स ने मिलकर सच्चाई को सामने लाया।

क्या था मामला?
कहानी की शुरुआत होती है अक्टूबर 2022 में, जब गीता नामक महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी मौत रहस्यमयी थी और शक की सूई घूमी अपने ही घरवालों पर। गीता के भाई भैराराम और लाडुराम को लगा कि उनकी बहन की मौत किसी साजिश का नतीजा है। गुस्सा पनपा, बदले की भावना जगी और फिर बुन दी गई एक खौफनाक साजिश।

8 फरवरी 2023—गीता के पति मालजी भाई का छोटा भाई वासुभाई अपने साथियों के साथ ट्रैक्टर से कपास लेने वेरा कात्रा गया। लेकिन थोड़ी देर में खबर आई कि वासुभाई को कुछ लोग जबरन जीप में बैठाकर ले गए। और कुछ ही घंटों में गांव के सरपंच के मोबाइल पर एक फोटो आई—वासुभाई की लाश एक पेड़ से लटकी हुई थी।

कानून ने खोला शिकंजा
मामला गंभीर था, पुलिस ने लाडुराम, पप्पूराम, कन्हैयालाल उर्फ कुनी, लुकेश उर्फ लुकिया और भैराराम समेत अन्य के खिलाफ हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने के आरोप लगाए। केस अदालत पहुंचा, जहां अपर लोक अभियोजक दिनेश गुप्ता ने एक-एक तथ्य को पुख्ता किया।

अदालत ने सुनाया फैसला
अपर सत्र न्यायाधीश दमयंती पुरोहित की अदालत ने सोमवार को बड़ा फैसला सुनाया।

  • धारा 302/149: उम्रकैद + 25,000 रुपये जुर्माना
  • धारा 148: दो साल की सजा + 2,000 रुपये जुर्माना
  • धारा 365/149: पांच साल की सजा + 5,000 रुपये जुर्माना
  • धारा 201: सात साल का कारावास
  • धारा 120बी: छह माह की सजा

न्याय की दस्तक
इस फैसले ने ये साबित कर दिया कि बदले की आग में जलकर किसी की जान लेना न केवल अपराध है, बल्कि इसका अंजाम भी बेहद कठोर होता है। वासुभाई अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका केस अब एक उदाहरण बन गया है—कि कानून देर से सही, लेकिन कभी अंधा नहीं होता।

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