डॉ. लक्ष्यराज सिंहेण देवकीनंदन ठाकुरेण च अभयदास महाराजेण च राजकीय स्वागतं कृतम्, महाकुंभे आगमनं आमन्त्रितम्

उदयपुरे। रविवारे प्रसिद्धे कथा वाचके च आध्यात्मिके गुरु देवकीनंदन ठाकुर महाराजेण च तखतगढ़े युवाचार्येण अभयदास महाराजेण च उदयपुरं समागत्य संक्षिप्तं प्रवासं कृतम्। अस्मिन अत्युत्तमे अवसर में मेवाड़े राजपरिवारस्य पूर्वसदस्येण डॉ. लक्ष्यराज सिंहेण मेवाड़ीं रीत्या वेदपाठी ब्राह्मणैः उच्चारिते वेदमन्त्रैः सह तयोः गुरुयोः भव्यं स्वागतं कृतम्।

डॉ. लक्ष्यराज सिंहेण उक्तं यत्, “मेवाड़े सदीषु गुरु-शिष्यपरंपरा स्थिता अस्ति। अत्र परंपरेन देवकीनंदन ठाकुर महाराजं च अभयदास महाराजं च स्वागतं कृत्वा गर्वितः अस्मि।”

तत्र देवकीनंदन ठाकुर महाराजेण डॉ. लक्ष्यराज सिंहेण महाकुंभे प्रयागराजे आयोज्यमानं आमन्त्रितं कृतम्। तत्क्षणं वृंदावने ठाकुरजी दर्शनाय अपि आमन्त्रितम्।

तदनन्तरं, द्वयोः गुरूणां विश्व हिंदू परिषदेण बजरंगदलस्य प्रतापगढ़े आयोज्यमानं कार्यक्रमे भागमणि। अत्र डॉ. लक्ष्यराज सिंहेण स्वपितरं श्री महाराणा भगवत सिंहं विषये किञ्चित् वृतान्तं आचरत्। सः उक्तवान् यः, “1969 तमे वर्षे श्री महाराणा भगवत सिंहं विश्व हिंदू परिषदे अध्यक्षं च सर्वसम्मतिं च नियुक्तं कृतवान्। 1984 तमे वर्षे न्यूयॉर्के आयोजिते विश्व हिंदू परिषदे दसवं सम्मेलनं 50 राष्ट्रेभ्यः 4,750 प्रतिनिधेभ्यः सह समायोजितं कृतम्।”

एषः कार्यक्रमः मेवाड़स्य राजकीय धरोहराय धर्मपतिव्रता गुरु-शिष्यपरंपरायाः अमूल्यं प्रतीकं अस्ति, यः आगामिनां पीढ़ीनां प्रेरणायाः स्रोतं भविष्यति।

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डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने देवकीनंदन ठाकुर और अभयदास महाराज का किया स्वागत, महाकुंभ में पधारने का मिला आमंत्रण

उदयपुर. प्रसिद्ध कथा वाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर महाराज और तखतगढ़ के युवाचार्य अभयदास महाराज रविवार को उदयपुर के अल्प प्रवास पर पहुंचे। मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा उच्चारित वेदमंत्रों के साथ दोनों गुरुओं की भव्य अगवानी की।

डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि मेवाड़ सदियों से गुरु-शिष्य परंपरा का पालन करता आ रहा है। इसी परंपरा के तहत दोनों गुरुओं का मेवाड़ी रीति-रिवाजों के अनुसार स्वागत कर वे गर्वित महसूस कर रहे हैं।

कुंभ और वृंदावन के लिए निमंत्रण
देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के लिए डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ को आमंत्रित किया। साथ ही, वृंदावन में ठाकुरजी के दर्शन के लिए भी आग्रह किया।

विश्व हिंदू परिषद के इतिहास पर चर्चा
दोनों गुरुओं ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के प्रतापगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने बताया कि उनके दादा श्री महाराणा भगवत सिंह 1969 में सर्वसम्मति से विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष चुने गए थे। उन्होंने राष्ट्र और धर्म की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। 1984 में महाराणा भगवत सिंह की अध्यक्षता में न्यूयॉर्क में विश्व हिंदू परिषद का दसवां सम्मेलन आयोजित हुआ था, जिसमें 50 देशों के 4,750 प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

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