कपिल पालीवाल की सनातनी कविताओं की मनोहारी प्रस्तुति
‘‘हे आशुतोष अटल..बस एक लोटा जल, सब कष्टों का हल…’’
उदयपुर। अधिक श्रावण मास के मौके पर शुक्रवार रात्रि देवाधिदेव महादेव के अनुरंजन के लिए अनोखा शब्दाभिषेक किया गया। मौका था टीम एन एफर्ट के तत्वावधान में सूचना केन्द्र सभागार में जाने-माने गीतकार एवं शायर कपिल पालीवाल की एकल प्रस्तुति ‘शब्दाभिषेक’ का आयोजन। कार्यक्रम में पालीवाल ने अपनी कविताओं, शायरियों, गीतों से देर रात तक मौजूद श्रोताओं को बांधे रखा।
पालीवाल ने भगवान शिव की आराधना, प्रेम, विरह, माँ, मानवीय संवेदनाओं के साथ अपनी नई विधा ‘सनातनी‘ में काव्य प्रस्तुतियां दी तो मौजूद श्रोताओं ने करतल ध्वनि से सराहना की। ‘सनातनी‘ में पालीवाल ने प्रेम से अध्यात्म तक के सफर को शायरियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। पालीवाल की आशुतोष आराधना, प्रेम विरह के गीत, गजलों ने भी सभी का मन मोह लिया।
….जब तालियों से गूंज उठा सभागार:
शब्दाभिषेक दौरान पालीवाल ने शिवजी की तारीफ मंे अपनी पंक्तियां ‘‘जो था कल… है आज और… रहेगा कल..महाकाल नाम..है जिसका है प्रत्येक पल…कभी तांडव करे तो पिए कभी हलाहल..है जो सबसे कठिन और हैं सबसे सरल..हे शंभो है शंकर हे आशुतोष अटल..बस एक लोटा जल सभी कष्टों का हल…।’’ की प्रस्तुतियां दी तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
शिव-कृष्ण की स्तुतियों का रहा आकर्षण:
पालीवाल ने अपने अंदाज में जब शिव की स्तुति करते हुए कहा ‘‘सत्यम शिवम हे सुंदरा.. हे त्रिनेत्र धारी दिगंबरा.. तुम्हारी शरण हूं अभयंकरा.. करो कृपा हे दिगंबरा..करो कृपा हे सबके देव..त्वं शंभो शंकर काल त्वमेव.. तेरा अंश व्योम गगन धरा.. हे उमापति जगदीश्वरा..करो कृपा हे दिगंबरा… तुम दयालु कर्ता कृत्य हों.. भयावह तांडव नृत्य हो… पापो से मै लबालब भरा.. तुम तार लो शिव शंकरा..तुम शिव तुम ही शक्ति हो..तुम ईश तुम ही भक्ति हो..ना होऊ विमुख तुमसे जरा..दया करो विश्वंभरा…’‘ पंक्तियों के साथ शिवाराधना की। पालीवाल ने श्रीकृष्ण की वेशभूषा-भाव भंगिमाओं की प्रस्तुति देते हुए जब कहा ‘‘ कस्तूरी तिलक ललाट पटल..हृदय में राधा प्रेम अटल..एक हाथ मुरली एक सुदर्शन..राधा माधव असुर निकंदन..जय श्री कृष्ण तुम्हे नित वंदन…’’ के साथ ‘‘रूप विराट कभी रूप सलोना..मेरे भी घर एक दिन चलो ना..हर बार सुदामा ही आए क्या..? मित्रता में कैसा बंधन… जय श्री कृष्ण तुम्हे नित वंदन… की प्रस्तुति दी।
…बस अश्रु अभिषेक है:
पालीवाल ने अपनी पंक्तियां ‘‘मैं कितना अधर में झूला हूं..देख तुझे ही भूला हूं.., तूने कितना दिया है मेरे लिए.., मैंने क्या किया है तेरे लिए…मेरे ये अश्रु स्वीकार लो..हे शंभो मुझको तार लो…कुछ भी पूर्ण नही मेरा..मेरा सब कुछ हो शेष है…हाथ जोड़े झर झर नयनों से..बस अश्रु अभिषेक है.. बस अश्रु अभिषेक है….सुना कर श्रोताओं की तालियां बटोरी।
अनूठी मेवाड़ी गजल की प्रस्तुति:
प्रयोगधर्मी कवि, गीत व गजलकार पालीवाल ने न सिर्फ अपनी सनातनी प्रस्तुति अपितु मेवाड़ी बोली में अनूठी गजल की प्रस्तुति देकर भी मौजूद श्रोताओं को सम्मोहित कर दिया। इस दौरान पालीवाल ने ‘‘छोड़ गयो वो पकड्या हाथा, याद आवेला वीती बातां, जनम जनम म्हूं मांदो रेउ, जो थू पूछे साता,’’सुनाई तो मौजूद काव्य रसिकों ने देर तक तालियां बजाकर सराहना की।
इन प्रस्तुतियों पर भी पाई दाद:
पालीवाल ने ‘ मेवाड़ में एक ही हीरा था, जिसका नाम पन्ना था।’’, ‘जब से सुना है तुम भोले हो, आक हो जाता हूँ मैं‘, ‘‘जब से देखा दिगंबर तुमको, राख हो जाता हूं मैं,’’ ‘‘मुझसे यह बड़ा होने का अहसास खोने लगता है, मां सा हाथ कोई सर पे रखे, मुझ में बच्चा रोने लगता है तथा ‘‘जमीं पे जन्नत, बेशक हां होती है, जहां घरों में साथ मां होती है। ’’पंक्तियों को सुनाकर श्रोताओं को आकर्षित किया। इसी प्रकार पालीवाल ने ‘‘हां मैं प्रेम का नीलकंठ हूं…ये हलक भरा सा है’’, ‘‘बहुत बड़ी खाई है…अक्षर सिर्फ ढाई है।’’ जैसी पंक्तियां प्रस्तुत कर जीवन की विडंबनाओं को प्रस्तुत किया तो मौजूद श्रोताओं ने करतल ध्वनि से सराहना की।
ये रहे मौजूद:
कार्यक्रम में केन्द्रीय और राजस्थान साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार पुरूषोत्तम पल्लव, कश्ती फाउंडेशन की श्रद्धा मुर्डिया, संयुक्त निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा, साहित्यकार तरूण कुमार दाधीच, किरण बाला ‘किरण’, पूनम भू, करूणा दशोरा, भावना शर्मा, हेमंत जोशी, सुनील भट्ट, दीपक दीक्षित, चिन्मय दीक्षित, हेमंत मेनारिया, भूपेन्द्र पंवार, चेतन औदिच्य, डॉ. चित्रसेन, नीलोफर मुनीर, मनीष कोठारी, सहित अन्य बड़ी संख्या में साहित्यप्रेमी प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।
मोडरेटर आरजे दामिनी ने कार्यक्रम का संचालन किया और उन्होंने भी अपनी शायरियों-गजलों से कार्यक्रम को एक सूत्र में पिरोये रखा।
–000–
फोटो केप्शन:उदयपुर/सूचना केन्द्र में आयोजित ‘शब्दाभिषेक’ में जाने-माने गीतकार एवं शायर कपिल पालीवाल प्रस्तुति देते हुए।
–000–
About Author
You may also like
-
जयपुर में ज्वलनशील पदार्थ से भरे टैंकर को ट्रक ने मारी टक्कर, पूरा इलाका आगे की लपटों में घिरा, 9 लोगों की जलने से मौत, 35 से ज्यादा झुलसे
-
नशीला पदार्थ देकर पत्नी के साथ बलात्कार करने वाले पति समेत 51 पुरुषों को सजा तो मिली पर कम मिली…यहां पढ़िए पूरी कहानी
-
उदयपुर पुलिस, यूट्यूबर पत्रकार और स्वास्थ्य अधिकारी : क्या है असल कहानी?
-
शिल्पग्राम महोत्सव 2024 : मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ और महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ‘लावणी’ नृत्य करेंगे दर्शकों को मंत्रमुग्ध
-
उदयपुर में ट्रैम्पोलिन पार्क : सुरक्षा में लापरवाही या मनोरंजन का खतरा?