फोटो : कमल कुमावत
नेपाली टोपी पहनाकर किया स्वागत
उदयपुर। वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों और कल्याण को लेकर अखिल भारतीय नागरिक परिसंघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में 16 सूत्रीय मांगों को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से कोरोना काल में बंद हुई रेलवे कंसेशन सुविधा को पुनः लागू करने की मांग प्रमुख रही।
एमएलएसयू विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में आयोजित इस राष्ट्रीय अधिवेशन में वरिष्ठ नागरिकों के हितों पर विस्तृत चर्चा हुई। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान के मानद सचिव भंवर सेठ ने बताया कि अधिवेशन के दूसरे दिन कुल छह सत्रों का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन में पारित प्रमुख मांगें :
रेलवे कंसेशन की पुनर्बहाली, वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य आयोग की स्थापना, शिक्षा प्रणाली में बुजुर्गों की देखभाल से जुड़े पाठ्यक्रम शामिल करना, कर्मचारियों के लिए माता-पिता की देखभाल अनिवार्य बनाना, जिला स्तर पर माता-पिता और वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम 2007 में संशोधन, यूएनएचआर में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों पर सामूहिक याचिका, बुजुर्ग देखभाल सेवाओं पर 18% जीएसटी समाप्त करना, बैंकों और डाकघरों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए 2% अधिक ब्याज दर लागू करना, सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी, वृद्धावस्था पेंशन को ₹10,000 तक बढ़ाना, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों की भागीदारी सुनिश्चित करना, सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए सरकारी कार्ड जारी करना, अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ को राष्ट्रीय संघ के रूप में मान्यता, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना में सुधार
कंपनी अधिनियम की धारा 135 की अनुसूची 7 में एल्डरकेयर को जोड़ना।
फोटो जर्नलिस्ट कमल कुमावत का भी किया गया सम्मान
सम्मेलन में विचारों की गूंज
सम्मेलन में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों, न्यायिक सुरक्षा और सामाजिक सहभागिता पर भी गहन चर्चा हुई। डॉ. गायत्री तिवाड़ी ने समाज में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया, वहीं मुख्य वक्ता जिला न्यायाधीश महेंद्र कुमार दवे ने मेंटेनेंस में ‘सुरक्षा का अधिकार’ जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक सहयोग को लेकर यह सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण रहा। भंवर सेठ ने कहा कि देश के वरिष्ठ नागरिकों की अनदेखी नहीं की जा सकती और इन मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएंगे।
बुजुर्गों की स्थिति पर चिंता
वरिष्ठ नागरिकों की मौजूदा स्थिति पर इंदु सुभाष ने बताया कि देश में 59% बुजुर्ग आत्महत्या कर रहे हैं, जो एक गंभीर सामाजिक चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन के लिए ठोस नीतियों की जरूरत है।
इस राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर से आए 1500 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की इस लड़ाई में एकजुटता दिखाई।
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