
जयपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार सुबह राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की। यह कार्रवाई बहुचर्चित पीएसीएल (PACL) घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है।
सूत्रों के मुताबिक, प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की लगभग 30 करोड़ रुपये की राशि उनके पास होने की आशंका है। इसी आधार पर ईडी ने यह छापा मारा और उनसे जुड़े दस्तावेजों की जांच शुरू की।
पीएसीएल घोटाले में देशभर के करीब 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ रुपये का निवेश किया था। अकेले राजस्थान में करीब 28 लाख लोगों ने लगभग 2,850 करोड़ रुपये कंपनी में लगाए थे। कंपनी ने निवेशकों को प्लॉट देने और भूमि के बदले रिटर्न का वादा किया था।
सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) ने 22 अगस्त 2014 को पीएसीएल की योजनाओं को अवैध घोषित करते हुए कंपनी के सभी कामकाज बंद करवा दिए थे। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 2 फरवरी 2016 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। कोर्ट ने आदेश दिया था कि छह माह के भीतर कंपनी की संपत्ति नीलाम कर निवेशकों को पैसा लौटाया जाए।
सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की संपत्तियां करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये की हैं, जो कंपनी द्वारा एकत्र की गई राशि से चार गुना अधिक है। इस घोटाले से जुड़े मामलों में देश के कई राज्यों — जैसे बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, असम, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ आदि — में केस दर्ज हैं।
राजस्थान में इस घोटाले का पहला खुलासा 2011 में जयपुर के चौमू थाने में दर्ज एक एफआईआर के जरिए हुआ था, जिसमें चिट फंड एक्ट और ठगी के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ईडी की टीम ने जयपुर में प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा कुछ अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की है। अभी तक आधिकारिक रूप से ईडी या प्रताप सिंह की ओर से कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया गया है।
जांच एजेंसी इस बात की पड़ताल कर रही है कि क्या घोटाले की रकम का कुछ हिस्सा राजनीतिक संपर्कों के जरिए ठिकाने लगाया गया था।
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