फोन टैपिंग पर सियासत गरमाई : बीजेपी का गहलोत पर हमला, कांग्रेस का पलटवार

 

जयपुर। राजस्थान में फोन टैपिंग को लेकर सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म के बीच तीखे बयानों का दौर जारी है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे ने सदन से लेकर मीडिया तक में राजनीति को गरमा दिया है।

बेढ़म का आरोप: कांग्रेस का ‘कल्चर’ है फोन टैपिंग
गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि फोन टैपिंग करना कांग्रेस का “पुराना कल्चर” है। उन्होंने दावा किया कि गहलोत ने अपने ही नेताओं के फोन टैप कराए थे। बेढ़म ने कहा, “हमारे यहां किसी विधायक और मंत्री का फोन टैप नहीं होता, लेकिन कांग्रेस सरकार में फोन टैपिंग आम बात थी।”

उन्होंने आगे कहा कि गहलोत ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ “निकम्मा” और “नकारा” जैसे शब्दों का उपयोग किया और उनके फोन टैप कराए। उन्होंने किरोड़ी लाल मीणा का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके फोन भी गहलोत सरकार के निर्देश पर टैप हुए थे।

राजेंद्र राठौड़ का हमला: गहलोत से बेहतर षड्यंत्र कोई नहीं जानता
बीजेपी नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा, “फोन टैपिंग और षड्यंत्र कैसे होते हैं, यह गहलोत जी से बेहतर कोई नहीं जानता।” राठौड़ ने गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने अदालत में बयान दिया था कि गहलोत के निर्देश पर कई नेताओं के फोन टैप किए गए थे।

गहलोत का जवाब: फोन टैपिंग के आरोप निराधार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में किसी भी सांसद या विधायक का फोन न तो टैप हुआ है, न हो रहा है और न ही आगे होगा। उन्होंने कहा, “मैंने खुद सदन में खड़े होकर स्पष्ट किया था कि फोन टैपिंग का कोई मामला नहीं है।”

गहलोत ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि सदन में विपक्ष सहयोग नहीं कर रहा और मुद्दों को भटकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि किरोड़ी लाल मीणा का फोन टैप नहीं हुआ, तो गृह मंत्री भजनलाल शर्मा ने सदन में इसका स्पष्ट जवाब क्यों नहीं दिया।

किरोड़ी लाल मीणा का बयान: सीआईडी और फोन टैपिंग का आरोप
किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके खिलाफ सीआईडी का इस्तेमाल किया गया और उनका टेलीफोन रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे उठाने के बाद सरकार ने उनके पीछे एजेंसियां लगा दीं।

राजनीतिक विश्लेषण
फोन टैपिंग का मुद्दा राजस्थान की राजनीति में नई खाई पैदा कर रहा है। जहां एक ओर बीजेपी इसे कांग्रेस की “षड्यंत्रकारी राजनीति” से जोड़ रही है, वहीं कांग्रेस इसे विपक्ष की “साजिश” बता रही है।

यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों से पहले बीजेपी और कांग्रेस के बीच टकराव का नया मोर्चा खोल सकता है। गहलोत और वसुंधरा राजे के बीच पहले से जारी राजनीतिक खींचतान के बीच यह विवाद राज्य की राजनीति को और जटिल बना रहा है।

क्या यह चुनावी रणनीति का हिस्सा है?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है। फोन टैपिंग जैसे मुद्दे जनता के बीच गूंजते हैं और इससे सत्ताधारी पार्टी को नुकसान हो सकता है। हालांकि, इस मामले की गहराई में जाने के लिए निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

नतीजा: फोन टैपिंग का मामला राजस्थान की राजनीति में न सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप की जंग छेड़ रहा है, बल्कि यह चुनावी मैदान में एक बड़ा मुद्दा बनने की संभावना रखता है।

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