खान विभाग के एक्सप्लोरेशन, ड्रिलिंग, ब्लॉक बनाने, ऑक्शन कैलेंडर, आरसीसी, ईआरसीसी, रेवेन्यू कलेक्शन आदि का रोडमैप होगा तैयार, मॉनिटरिंग व्यवस्था होगी चाक चौबंद

उदयपुर। राज्य के माइंस विभाग द्वारा एक्सप्लोरेशन, ड्रिलिंग, ऑक्शन के लिए ब्लॉक व प्लॉट तैयार करने, ऑक्शन कलेण्डर बनाने, आरसीसी, ईआरसीसी सहित राज्य सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन आदि का रोडमैप तैयार कर क्रियान्विति की दैनिक मॉनिटरिंग व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

खान सचिव श्रीमती आनन्दी ने आज निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल के साथ खान व भू विज्ञान विभाग के सभी फील्ड अधिकारियों से वर्चुअली रुबरु हुई। उन्होंने कहा कि एक अप्रेल से आरंभ वित्तीय वर्ष में सभी संबंधित क्षेत्रों के लक्ष्य निर्धारित करते हुए क्रियान्विति के साथ ही वित्त वर्ष के पहले दिन से ही लक्ष्यों की क्रियान्विति की मॉनिटरिंग व्यवस्था को चाक चौबंद किया गया है। उन्होंने विभाग की विजिलेंस व्यवस्था को भी मजबूत करने के निर्देश देते हुए कहा कि अवैध खनन सहित किसी भी तरह के लीकेज को रोकना हमारा दायित्व है और इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने आदर्श आचार संहिता की सख्ती से पालना के निर्देश दिए।

     
खान सचिव श्रीमती आनन्दी ने इस साल हम एक्सप्लोरेशन से लेकर, ड्रिलिंग, बड़े पैमाने पर ऑक्शन का काम हाथ में लेने जा रहे हैं जिससे प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा के अवैध खनन पर रोक लग सके, वैज्ञानिक व वैध खनन को बढ़ावा दिया जा सके और प्रदेश को माइनिंग क्षेत्र से अधिक से अधिक रेवेन्यू अर्जित हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार को देय रेवेन्यू राशि संग्रहण की नियमित व्यवस्था हो ताकि साल के अंतिम दिनों में वसूली के लिए अधिक प्रयास नहीं करने पड़े। उन्होंने अधिकारियों से फील्ड में रहने और आपसी सहयोग व समन्वय से कार्य करते हुए प्रदेश के माइनिंग क्षेत्र को समूचे देख में अग्रणी बनाने का कार्य करना होगा। उन्होंने लक्ष्यानुसार अच्छा राजस्व अर्जन करने वाले कार्यालयों व अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राजस्व संग्रहण के अच्छे प्रयास किए गए हैं।      
निदेशक माइंस भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि विभागीय मॉनिटरिंग व्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा। जहां पर आरसीसी, ईआरसीसीके ठेके अभी तक किसी कारण से नहीं हो पायें हैं वहां इस तरह की व्यवस्था करनी होगी जिससे सरकारी राजस्व की चोरी ना हो सके। कलाल ने विभागीय कार्यालयों में आधारभूत सुविधाओं, नियमित साफ सफाई सहित व्यवस्था करते हुए कार्य उत्पादकता बढ़ाने वाला वातावरण तैयार करने को कहा। इसके लिए आवश्यकता व मांग अनुसार आवश्यक आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने बकाया राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देने पर जोर देते हुए कहा कि मुख्यालय स्तर पर दैनिक समीक्षा की जाएगी।

डीएमजी कलाल ने फारेस्ट, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन सहित संबंधित विभागों से बेहतर समन्वय बनाने पर जोर दिया ताकि किसी भीक्षेत्र में हो रही अवैध खनन गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगाया जा सके।  वीसी में अतिरिक्त निदेशक पी.आर’आमेटा, एमपी मीणा, बीएस सोढ़ा, एडजीजी एनपी सिंह, एसएन डोडिया, आलोक जैन, वित्तीय सलाहकार गिरिश कछारा, योगेन्द्र सहवाल, एसएमई कमलेश्वर बारेगामा, सतीश आर्य, एनके बैरवा, एनएस शक्तावत, प्रतापमीणा, भीम सिंह, अनिल खमेसरा, डॉ. धर्मेन्द्र लोहार, ओपी काबरा, श्रीजय गुरुबख्सानी, एसजी संजय दुबे, संजय सक्सैना, महेश शर्मा आदि ने अपने जोन की विस्तार से जानकारी दी। वीसी में विभाग के अतिरिक्त निदेशक, एसएमई,एमई और एएमई, एडीजी, एसजी स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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