जयपुर/कोटा। कोटा जिले की थाना विज्ञान नगर पुलिस की टीम ने बड़ी सफलता हासिल कर खुद के अपहरण की कहानी रचने वाली इंदौर निवासी छात्रा कुमारी काव्या धाकड़ व उनके दोस्त हर्षित यादव को इन्दौर पुलिस की सहायता से देव गुराड़िया क्षेत्र से दस्तयाब कर लिया है।
सिटी एसपी डॉ अमृता दुहन ने बताया कि अनुसंधान से यह तथ्य सामने आया कि काव्या 03 अगस्त, 2023 से 05 अगस्त तक कोटा में रही थी। जिसके बाद वह इन्दौर जाकर पढाई करने लगी और माता पिता को कोटा में ही रहने की जानकारी देती रही।
कोटा के एक निजी कोचिंग संस्थान के नाम से मैसेज भी माता-पिता को भेजती रही। इन्दौर में उचित तैयारी नहीं होने के कारण काव्या को लगा कि उसका सलेक्शन नीट में नहीं हुआ तो माता-पिता से डांट खानी पड़ेगी। उसने यू ट्यूब चैनल के माध्यम से जाना कि रशिया में करीब 30 लाख में एमबीबीएस हो जाती है।
यह जानकर उसने अपने दोस्त ब्रजेश प्रताप व हर्षित यादव के साथ मिलकर अपने पिता से रुपये ऐंठने का प्लान बनाया और अपने अपहरण की झूठी कहानी बना ब्रजेन्द्र प्रताप के कमरे पर इन्दौर में ही वीडियो बना लिए। उसे पता था कि उसके पिता जी ने हाल ही में प्लॉट का विक्रय किया है, इसलिए वह अपहरण की सुनते ही रुपये दे देगें।
प्लान के अनुसार काव्या, हर्षित यादव व ब्रजेन्द्र प्रताप 16 मार्च की रात जयपुर निकल गए। जहां प्लान के अनुसार 17 मार्च को होटल में ठहरे तथा अगले दिन काव्या ने नई सिम जारी करा अपने पिता को अपने साथी दोस्तों से अपहरण हो जाने की जानकारी देते हुए 30 लाख रुपए की मांग करवायी एवं अपने हाथ पैर बंधे एवं चोट लगी फोटो भेजी।
जिस पर पिता ने एसीपी साहब को सूचना देने की बात कही तो काव्या डर गयी और अपने दोनों दोस्तो के साथ जयपुर से वापस इन्दौर आ गई। लेकिन पुलिस टीम के इन्दौर आने एवं मामला मीडिया में हाईलाईट होने की वजह से वह अपने सहपाठी हर्षित यादव के साथ 19 मार्च को इन्दौर से ट्रेन से रवाना होकर चण्डीगढ होते हुए अमृतसर पहुंची। जहां 6 दिन स्वर्ण मंदिर गुरूद्वारे में रूके एवं लंगर में खाना खाया।
रुपये नहीं होने के कारण 28 मार्च को दोनों फिर अमृतसर से इन्दौर आ गए जहां देव गुराडिया इलाके में किराये से कमरा लेकर रहने लगे। जहां टीम द्वारा इन्दौर पुलिस की सहायता से काव्या व उसके दोस्त हर्षित यादव को दस्तयाब किया गया। प्रकरण में दोनों से अनुसंधान जारी है। प्रकरण में विधिक राय प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी।
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