सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की वाकपीठ : बात शैक्षिक संस्कृति विकसित करने की तो हुई, स्कूली छात्रों के हाथों में चाकू, धमकी, झगड़ों पर क्या चर्चा हुई…मौजूदा मौजू तो यही है?

स्कूलों में बढ़ती हिंसा पर चुप्पी

उदयपुर। सरकारी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की सत्रारंभ वाकपीठ संगोष्ठी का आयोजन राजकीय फतह उच्च माध्यमिक विद्यालय सुरजपोल में धूमधाम से हुआ। उद्घाटन सत्र में सांसद डॉ मन्नालाल रावत ने प्रधानाचार्यों के महत्व और शिक्षा में उनकी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालय शिक्षा के मंदिर होते हैं और इनमें शैक्षिक संस्कृति विकसित करने के लिए समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा ने शिक्षकों को बच्चों में कौशल विकास के लिए प्रेरित किया, जबकि उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने विद्यालयों के भौतिक विकास पर बल दिया।

हालांकि, संगोष्ठी में शैक्षिक संस्कृति पर बातें तो खूब हुईं, लेकिन मौजूदा दौर में स्कूलों में बढ़ती हिंसा, छात्रों के बीच होने वाले झगड़े, और उनके हाथों में आने वाले चाकू जैसी घटनाओं पर कोई विशेष चर्चा नहीं हुई। यह चिंताजनक है कि प्रधानाचार्यों की इस महत्वपूर्ण बैठक में इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चुप्पी साधी गई।

विद्यालयों में शैक्षिक संस्कृति को बढ़ावा देने की बात की गई, लेकिन छात्रों के बीच बढ़ते झगड़ों और धमकियों की समस्या पर विचार-विमर्श का अभाव साफ दिखाई दिया। जिस प्रकार शैक्षिक संस्थानों में इस प्रकार की हिंसात्मक प्रवृत्तियों का उभार हो रहा है, वह न केवल शिक्षा व्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि समाज के समक्ष भी एक गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।

विधायकों और सांसदों ने तो शैक्षिक विकास की बात की, परंतु वर्तमान में शिक्षा प्रणाली के सामने आ रही वास्तविक समस्याओं पर खुलकर चर्चा का न होना, चिंता का विषय है। ऐसे समय में जब विद्यालयों में शांति और अनुशासन कायम करने की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है, इस मुद्दे को नजरअंदाज करना एक गंभीर चूक मानी जा सकती है।

इन्होंने दी वार्ताएं : वाकपीठ के प्रथम दिन अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डॉ बाल गोपाल शर्मा ने पीईईओ विद्यालय का प्रबंधन, डाइट व्याख्याता हरिदत्त शर्मा ने विद्यार्थियों में संस्कार निर्माण के लिए विद्यालय की भूमिका, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट दीपिका मीणा ने कक्षा 6 से 12 के विद्यार्थियों के लिए मानसिक संबलन विषय पर वार्ता प्रस्तुत की। मीडिया प्रमुख किरण बाला जीनगर ने बताया कि वाकपीठ अध्यक्ष रघुनाथ पालीवाल ने वाकपीठ के उद्देश्य को विस्तृत रूप से व्यक्त करते हुए कई नैतिक दायित्वों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, गिर्वा विनोद शर्मा ने वीसी के मुख्य बिंदु रखे। वाकपीठ कोषाध्यक्ष विद्या गौड़, चुनाव अधिकारी दिलीप जैन, देशपाल सिंह शेखावत, मोहन मेघवाल, महेंद्र सिंह, मोहम्मद अंसार, राजेश सैनिक सहित बड़ी संख्या में संस्थाप्रधान मौजूद रहे।

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