स्मृति एवं विस्मृति के मध्य की स्थिति ही जीवन है” प्रोफेसर नीरज शर्मा

उदयपुर। मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय , उदयपुर के अंग्रेजी विभाग एवं भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसन्धान परिषद् (आई सी एस एस आर) नई दिल्ली के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अन्तराष्ट्रीय कॉन्फरेंस “मैडिटेशन ऑफ़ मेमोरी एस्थेटिक्स एंड पोएटिक्स ऑफ़ फोर्गेटिंग” के समापन सत्र का आयोजन विश्वविद्यालय के अतिथि गृह में किया गया।

कॉन्फरेंस के निर्देशक प्रोफेसर प्रदीप त्रिखा ने बताया की समापन सत्र की अध्यक्षता हेदराबाद विश्वविद्यलय के वरिष्ठ प्रोफ़ेसर, ख्यातनाम लेखक एवं विचारक प्रमोद के नायर ने की I मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता , स्नातकोत्तर अध्ययन प्रोफ़ेसर नीरज शर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे I उन्होंने संभागियो को संबोधित करते हुए बताया की स्मृति एवं विस्मृति के मध्य की स्थिति ही जीवन है।

इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रोफेसर आशुतोष मोहन ने समापन सत्र का समापन वन्कव्य दिया I कॉन्फरेंस की समन्वयक डॉ मीनाक्षी जैन ने कॉन्फरेंस के दोनों दिनों में आयोजित विभिन्न तकनिकी एवं विशेष सत्रों की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि दोनों दिनों में तिन बार तिन सामानांतर तकनिकी सत्रों का आयोजन किया गया, अतः कुल नों तकनिकी सत्रों का आयोजन किया गया I इन सत्रों में कुल पचास प्रतिभागियों ने स्मृति एवं विस्र्मर्ती के विभिन्न आयामों पर अपने शोध आलेखों को प्रस्तुत किया।

एमसाथ दो विशिष्ठ सत्रों में पश्चिमी बंगाल के बर्धवान विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अंग्शुमन कार , चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के सह आचार्य डॉ राकेश ठाकुर एवं ऑस्ट्रेलिया से विश्वविख्यात आलोचक बिल एशक्रोफ्ट अमेरिका के न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर निकोलस बर्न्स ने अपने उद्बोधन दिए। कॉन्फरेंस के निर्देशक प्रोफेसर प्रदीप त्रिखा ने बताया की समापन सत्र का संचालन डॉ अंजलि सिंह ने किया I एवं डॉ खुशपाल गर्ग ने सभी अतिथियों एवं संभागियो का आभार व्यक्त किया।


समापन सत्र में अंग्रेजी विभाग के डॉ भानुप्रिया रोहिला ,डॉ स्नेहलता टेलर , महेंद्रसिंह पुरोहित , सौरभ मीणा , दर्शनशास्त्र विभाग से प्रोफेसर सुधा चौधरी राजस्थान विद्यापीठ से प्रोफेसर हेमेन्द्र चंडालिया , एम एल एस यू से सेवानिवृत प्रोफेसर शरद श्रीवास्तव एवं प्रोससर निधि श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

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