कोल्हापुर जेल में 1993 मुंबई बम धमाकों के दोषी की हत्या: पांच कैदियों ने मिलकर मारा

कोल्हापुर। 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी मोहम्मद अली खान उर्फ मुन्ना की हत्या कोल्हापुर सेंट्रल जेल में पांच विचाराधीन कैदियों ने कर दी। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। मुन्ना को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।

जेल के अंदर मचा हड़कंप

कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया कि 59 वर्षीय मोहम्मद अली खान पर मुंबई से संबंधित पांच अन्य कैदियों ने हमला किया। यह घटना सुबह उस समय हुई, जब सभी कैदी कलंबा स्थित जेल में नहाने जा रहे थे। कैदियों के बीच किसी बात पर तीखी नोकझोंक हुई, जो जल्दी ही हिंसक झगड़े में बदल गई।

हमले की भयानकता

पांच विचाराधीन कैदियों ने मिलकर मुन्ना पर मैनहोल के ढक्कन से कई बार वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हमला इतना हिंसक था कि मुन्ना को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही जेल अधिकारियों और कोल्हापुर के राजवाड़ा पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंच गई। हमलावरों को हत्या, दंगा और अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों की पहचान ऋतुराज इनामदार, दीपक खोत, शंकर चव्हाण, सौरभ सिद्ध और प्रतीक पाटिल के रूप में हुई है।

जांच जारी

पुलिस और जेल अधिकारी इस घटना की विस्तृत जांच कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया कि जांच के दौरान यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि कैदियों के बीच किस कारण से विवाद हुआ और इसे रोका क्यों नहीं जा सका। जेल प्रशासन पर भी सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें इस जांच के दौरान संबोधित किया जाएगा।

समाज में चिंता

इस घटना ने न केवल जेल प्रशासन बल्कि समाज में भी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है। जेल में इस तरह की हिंसा से कैदियों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। सरकार और जेल प्रशासन से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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