उदयपुर। मौत से सस्ती जिंदगी, उफ! मौत है जिंदगी यहां, किराए से सस्ती जिंदगी, क्षमता से अधिक यात्री, यात्रियों की जान जोखिम में… ऐसी ही कई हैडलाइंस के साथ हजारों बार यह खबर आपने पढ़ी ही होगी।
शर्म के मारे पुलिस और प्रशासन ने कार्रवाई की रस्म भी अदा की है, लेकिन आप पूरे प्रदेश में कहीं भी चले जाएं, ऐसे ही अनफिट वाहनों में क्षमता से अधिक भरे लोग दिख ही जाएंगे। जब भी कोई इनको देखता है, हैरान रह जाता है। 8 सीटर जीप में 50 से अधिक, 50 सीटर वाली बस में 150 से अधिक लोग भरे मिल जाएंगे।
VIP मूवमेंट के समय ट्रैफिक पुलिस कितनी मुस्तैद रहती है, लेकिन ये नजारे देख कर पुलिस और अफसर भी अपनी आंखे बंद कर लेते हैं। भूल भी जाते हैं। यही वजह है कि यातायात सलाहकार या प्रबंधन समिति की बैठकों में ऐसे मुद्दे नहीं उठाए जाते हैं।
About Author
You may also like
-
शिक्षक ने रची साजिश, पांच दोस्तों संग मिलकर ली युवक की जान
-
उदयपुर में झमाझम : मदार बड़ा तालाब की चादर तेज, फतहसागर में आवक शुरू
-
उदयपुर में रेलवे स्टेशन एलिवेटेड रोड निर्माण से बढ़ी परेशानी, इंसानों और गाड़ियों की सेहत पर असर…कलेक्टर ने कहा-जल्दी ही व्यवस्था सुधरेगी
-
स्कूल का छज्जा गिरने से बच्ची की मौत का मामला : एईएन सस्पेंड, संविदा जेईएन की सेवा समाप्त, ठेकेदार पर केस दर्ज
-
अलास्का में ट्रम्प-पुतिन की 3 घंटे लंबी मुलाकात, कोई समझौता नहीं: 12 मिनट प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिना सवाल लिए लौटे दोनों नेता