
नई दिल्ली | अल्पसंख्यक समुदायों के समग्र सशक्तिकरण के उद्देश्य से केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन (पीएम-विकास) योजना बहुआयामी रूप में लागू की जा रही है। यह योजना कौशल विकास, उद्यमिता, अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए नेतृत्व प्रशिक्षण और स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के लिए शैक्षिक सहायता के जरिए समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित यह योजना दरअसल पूर्व की पांच योजनाओं का एकीकरण है, जिसमें सीखो और कमाओ (Skill Development for Minorities) और नई रोशनी (Leadership Development for Minority Women) प्रमुख रही हैं। पीएम-विकास के तहत इन दोनों योजनाओं के अनुभवों और फीडबैक के आधार पर सुधार कर व्यापक पहुंच सुनिश्चित की गई है।
सीखो और कमाओ योजना, जिसे वर्ष 2013-14 में शुरू किया गया था, का उद्देश्य 14 से 45 वर्ष के अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करना रहा है। योजना के अंतर्गत अब तक 4.68 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वहीं, नई रोशनी योजना, वर्ष 2012-13 में शुरू हुई, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बैंकिंग, सरकारी योजनाओं व स्थानीय संस्थानों से जोड़ने की क्षमता देना रहा।
इन योजनाओं के तहत न केवल प्रशिक्षण और जानकारी दी गई, बल्कि उद्यमिता को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध कराई गई। इसी दिशा में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) के माध्यम से स्वरोजगार और लघु उद्यमों को ऋण सहायता दी जाती है।
संस्कृति और रोजगार का संगम है ‘लोक संवर्धन पर्व’
मंत्रालय की पहल पर देश के विभिन्न हिस्सों में ‘हुनर हाट’ और ‘लोक संवर्धन पर्व’ का आयोजन किया गया, जहां अल्पसंख्यक कारीगरों और शिल्पकारों को अपने उत्पादों, हस्तशिल्प और पाककला का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। पीएम-विकास योजना के तहत अब तक 41 हुनर हाट और 4 लोक संवर्धन पर्व आयोजित किए जा चुके हैं।
इन आयोजनों में प्रतिभागियों को डिजिटल सशक्तिकरण, बेहतर स्टॉल डिजाइन, ऑन-साइट बिक्री और प्रचार-प्रसार की सुविधाएं दी गईं। मंत्रालय ने प्राप्त फीडबैक के आधार पर आयोजन की गुणवत्ता और पहुँच को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए हैं।
दिल्ली में अब तक लोक संवर्धन पर्व के तीन संस्करण आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें न केवल स्थानीय लोगों की बड़ी भागीदारी रही, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय के कारीगरों को भी व्यावसायिक लाभ और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।
लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि पीएम-विकास योजना न केवल पूर्ववर्ती योजनाओं का एकीकरण है, बल्कि यह शहरी सहभागिता, बाजार से जुड़ाव और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
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