Photo : kamal kumawat
-डेढ़ सौ से अधिक नन्हें-मुन्नों ने धरा राधा-कृष्ण का रूप
उदयपुर। ‘कस्तूरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम। नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम। सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि।bगोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी।।’
लीला पुरुषोत्तम योगेश्वर भगवान श्री कृष्ण की इस स्तुति के साथ उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ में लालन का मेला दिनभर नंदलाल की भक्ति से सराबोर होता रहा।
प्रताप गौरव केंद्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि जन्माष्टमी के अवसर पर गुरुवार को आयोजित लालन के मेले का आरम्भ प्रातः वेला में प्रताप गौरव केंद्र परिसर के भक्तिधाम में विराजित भगवान कृष्ण के विभिन्न स्वरूपों के महाभिषेक से हुआ। शास्त्रोक्त मंत्रोच्चार के साथ जोड़ों ने पंचामृत अभिषेक किया।
इसके बाद दोपहर में नन्हें-मुन्ने नन्दलाला की रुनक-झुनक का रहा। कान्हा-यशोदा प्रतियोगिता में मां के दुलारे कान्हा का रूप धारण कर पहुंचे। कोई माखन खाता आया तो कोई बंसी बजाता आया। कोई रूठता हुआ आया तो कोई मां के आंचल में छिपता हुआ आया। उनकी अठखेलियों को देख सभी मंत्रमुग्ध हो गए। इस प्रतियोगिता के बाद 6 से 10 वर्ष तक के बच्चों की राधाकृष्ण प्रतियोगिता में भी नटखट नन्हें-मुन्नों ने सभी का मन मोह लिया।
प्रतियोगिता संयोजक कृष्णा चारण ने बताया कि कान्हा-यशोदा में कुल 100 प्रतिभागियों में से प्रियांशी राजपूत, मनस्विन व तन्वी खारोल क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। इसी प्रकार, राधा-कृष्ण प्रतियोगिता में कुल 60 प्रतिभागियों में डेंजिल व्यास, अयान साहू, पुष्पराज क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। इन प्रतियोगिताओं में डॉ. मदन सिंह राठौड़, डॉ. यज्ञ आमेटा व डॉ. अशोक सोनी ने निर्णायक की भूमिका निभाई। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि राहुल जैन थे।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी मेला समिति के संयोजक सत्यनारायण गुप्ता ने बताया कि अपराह्न बाद मटकी फोड़ प्रतियोगिता शुरू हुई। इस बार इस प्रतियोगिता में महिला वर्ग के लिए भी यह प्रतियोगिता रखी गई। प्रतियोगिता में पहुंची टीमों के खिलाड़ियों ने एक एक बार प्रयास करने के बाद संयुक्त रूप से टीम बनाई और 16 फ़ीट ऊंची मटकी फोड़ी। प्रतियोगिता में नाई से दिव्या नागदा तथा रामगिरि से साक्षी पुंडीर के नेतृत्व में टीम शामिल हुई।
पुरुष वर्ग में भी रोमांचक मुकाबला रहा। कुल 23 फीट ऊंची मटकी फोड़ने के लिए पांच टीमें पहुंचीं। पहले दौर में सभी को मटकी को छूने की अनुमति दी गई। दूसरे दौर में जगदीश चौक से आई भगत सिंह टीम को पहला मौका मिला और पहली ही बार में मटकी फोड़कर उन्होंने प्रतियोगिता जीत ली। प्रतियोगिता के दौरान समाजसेवी हेमंत जैन, अतुल चण्डालिया, केके गुप्ता आदि अतिथियों ने प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया। रेफरी की भूमिका डॉ. भारत भूषण, राजेश चौबीसा, कृष्णकांत पालीवाल, सिम्मी सिंह चौहान, नीरू श्रीमाली व वंदना बाबेल ने निभाई।
समिति के सहसंयोजक सत्यप्रकाश ने बताया कि दही-हांडी प्रतियोगिता के साथ ही भक्तिधाम परिसर में श्रीकृष्ण की लीलाओं की झांकियां सजाई गईं। इन झांकियों में ऋषि सांदीपनी की झांकी प्रथम, कालिया नाग मर्दन की झांकी द्वितीय व द्रौपदी चीरहरण की झांकी तृतीय स्थान पर रही। इस प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका महिला समाज सोसायटी की अध्यक्ष माया कुम्भट, विज्ञान महाविद्यालय के पूर्व अधिष्ठाता प्रो. महीप भटनागर, वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट तथा जार के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा ‘राजदीप’, होटल एसोसिएशन उदयपुर के उपाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने निभाई।
मेला समिति के सहसंयोजक गौरव नागर ने बताया कि इसके बाद भजन संध्या देर रात तक जमी। मध्यरात्रि में कृष्ण जन्मोत्सव के दर्शन हुए और महा आरती हुई। सभी श्रद्धालुओं को पंजीरी का प्रसाद वितरित किया गया।
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