Photo-report : kamal kumawat
हमारा ह्रदय भक्ती भाव से भरा रहे-कुण्डल कृष्ण प्रभु

उदयपुर, गंगूकुण्ड स्थित इस्काॅन मन्दिर मे आज सुबह चार बजे मंगला आरती से ही भक्तो का तांता लगने लगा, जो धीरे धीरे बढता चला गया। मायापुर वासी ने बताया कि देर शाम तक मन्दिर प्रांगण अंदर बाहर से खचाखच भर गया। भक्त जन लाईन से दर्शन करने आ रहे थे तो वैष्णव भक्त भी हर संभव सहयोग कर रहे थे।ओडीशा की स्वाती श्री पण्डा ने विभिन्न भावभंगिमाओ से युक्त नृत्य कर सबका मन मोह लिया। वही इस्काॅन भक्तो के बच्चो ने बहुत सुंदर आकर्षक नृत्यो व नाटिकाओ से भक्तो का दिल जीत लिया।

छोटे बच्चो का फैन्सी ड्रेस मे राधा और कृष्ण बनकर आना कौतुहल रहा। कुछ माताऐ तो अपने नवजात शिशु को भगवान की शरण मे ले आई। जो सभी के लिए आश्चर्य रहा। भीड अधिक होने से व गाड़ी पार्क करने मे कुछ को असुविधा रही तो बड़े एल ई डी स्क्रीन से बहुत सुविधा रही।नौ बजे पंचामृत गगांजल आदि से तथा फूलो से राधा कृष्ण का महाअभिषेक किया पश्चात भगवान के समक्ष छप्पन भोग प्रसाद धराया।

इस्काॅन भक्तो की पवित्रता शुद्धता मृदुव्यवहार तथा मर्यादित वेषभूषा सभी को प्रभावित कर रही थी। देवस्थान कमीश्नर प्रज्ञा केवलरमानी तथा अनेक गणमान्य जनो ने भी दर्शन किये। मन्दिर प्रबंधक ने उनका स्वागत सम्मान किया।इससे पूर्व भजन कीर्तन के बाद मुम्बई के कुण्डल कृष्ण प्रभु ने कथा मे बताया कि हमारा ह्रदय अंदर से भक्ति भाव से भरा रहना चाहिए।सत्संग हमे विकारो से मुक्त कर संस्कारो से युक्त करता है।

भगवान कहते है-या तो मुझको छोड दो या मुझ पर छोड दो। सभी भक्तो के लिए सागाहारी फलाहरी प्रसाद की व्यवस्था पूरे समय जारी रही। देर रात तक मन्दिर की ओर से सजाई दुकानो पर भीड लगी रही।आरती पश्चात सभी को प्रसाद परोसा गया।


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