
मुख्य वक्ता डॉ. लोकेश अग्रवाल ने आचार्य रे के जीवन और योगदान पर प्रकाश डाला
विपरीत परिस्थितियों में बंगाल फार्मास्यूटिकल की स्थापना की कहानी साझा की गई
उदयपुर। विज्ञान भारती – उदयपुर इकाई और पीएमश्री गवर्नमेंट फतेह सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में भारतीय रसायन विज्ञान के जनक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जयंती मनाई गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अमित गुप्ता और डॉ. चेतन पानेरी ने की। इस अवसर पर आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे की जीवनी पर विभिन्न वक्ताओं ने विचार किए।
मुख्य वक्ता डॉ. लोकेश अग्रवाल, सहायक आचार्य, मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने बताया कि आचार्य रे का जीवन एक शिक्षक, वैज्ञानिक और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में समर्पित रहा। उन्होंने “द हिन्दू केमिस्ट्री” जैसी पुस्तक लिखी, जो भारत की प्राचीन विज्ञान शोध को दर्शाती है।
डॉ. कमल सिंह राठौड़, बी एन विश्वविद्यालय ने बताया कि कैसे आचार्य रे ने विपरीत परिस्थितियों में बंगाल फार्मास्यूटिकल की स्थापना की और आज भारत फार्मा क्षेत्र में अग्रणी है।
डॉ. मोहित गोखरू ने विद्यार्थियों को मोबाइल कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी को सरल भाषा में समझाया, जबकि डॉ. हरीश ने विज्ञान के क्षेत्र में करियर की संभावनाओं पर जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. कुलदीप शर्मा ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अचर्ना राव ने दिया। कार्यक्रम में डॉ. जीतेन्द्र सिंह राठौड़, मीरा कन्या महाविद्यालय, उदयपुर और डॉ. मोहन सिंह राठौड़, बी एन विश्वविद्यालय, उदयपुर भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षकों और लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
About Author
You may also like
-
चैंबर ऑफ़ कॉमर्स उदयपुर डिवीजन : उदयपुर में पहली बार आयोजित होगा “क्रिकेट महाकुंभ” — 24 मई से 31 मई तक चलेगा रोमांचकारी रात्रिकालीन मुकाबला
-
प्रसिद्ध खगोल भौतिक विज्ञानी डॉ. जयंत नार्लीकर का निधन: विज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने वाली आवाज़ शांत हुई
-
प्रोफेसर अली ख़ान महमूदाबाद की गिरफ्तारी…जानिए पूरी कहानी
-
फतहसागर झील में टला बड़ा हादसा : सुझबूझ और धैर्य ने बचाई कई ज़िंदगियां
-
पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन को प्रोस्टेट कैंसर के आक्रामक रूप का पता चला, हड्डियों तक फैला कैंसर, परिवार और चिकित्सक उपचार विकल्पों की समीक्षा में