
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना द्वारा झाड़ोल तहसील के तूरगढ़ एवं थाडीवेरी गांव में SCSP प्रोजेक्ट के अंतर्गत तीन कस्टम हायरिंग सेंटर का शुभारंभ किया गया।
उद्घाटन डॉ. मृदुला देवी (निदेशक, भुवनेश्वर), डॉ. धृति सोलंकी (अधिष्ठाता, सामुदायिक एवं व्यावहारिक विज्ञान महाविद्यालय, उदयपुर), डॉ. सुभाष मीणा और प्रो. राजश्री उपाध्याय ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर आसपास के 7–10 गांवों से करीब 450 महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।

7 लाख की कृषि सामग्री वितरित
परियोजना प्रभारी डॉ. विशाखा बंसल ने बताया कि SCSP प्रोजेक्ट के तहत बीते दो वर्षों में 571 महिलाओं को लगभग 7 लाख रुपये मूल्य के कृषि एवं पशुपालन उपकरण वितरित किए गए। इनमें स्प्रेयर पंप, तिरपाल, करात, अनाज भंडारण कोठियां, वर्मी बेड, दूध की कोठियां, खुरपी आदि शामिल हैं।
आत्मनिर्भरता की दिशा में पहल
नव स्थापित केंद्रों पर लगभग 10 लाख रुपये मूल्य की मशीनें रखी गई हैं, जिनमें चावल मिल, दाल मशीन, सोलर ड्रायर, आटा चक्की, थ्रेशर, कुट्टी मशीन, घास काटने की मशीनें और 40 सिलाई मशीनें शामिल हैं।
डॉ. धृति सोलंकी ने कहा कि “आज के सामाजिक ढांचे में महिलाओं का आत्मनिर्भर होना अनिवार्य है। यदि महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ेंगी तो परिवार और राष्ट्र दोनों सशक्त बनेंगे।”
कौशल विकास व स्वरोजगार
डॉ. मृदुला देवी ने महिलाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करते हुए बताया कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित होंगे। वहीं, डॉ. सुभाष मीणा ने वित्तीय सहायता, ऋण, विपणन व परामर्श को महिलाओं के व्यवसायिक विकास की कुंजी बताया।
प्रो. राजश्री उपाध्याय ने कहा कि महिला शिक्षा व कौशल विकास से न केवल परिवार, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम
गांव तूरगढ़ में 25 अगस्त से 3 सितंबर तक कृषि क्षेत्र की महिलाओं के लिए सुरक्षात्मक कपड़ों के डिजाइन और विकास पर प्रशिक्षण चल रहा है, जिसमें 20 महिलाएं विशेष परिधान निर्माण सीख रही हैं।
पुस्तिका विमोचन और सामग्री वितरण
समारोह के दौरान श्रम साध्य उपकरणों पर पुस्तिका, “0 से 6 वर्ष आहार से शिक्षा तक” पुस्तिका और श्री अन्न पर फोल्डर का विमोचन किया गया।
साथ ही राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को मशरूम बेग, वर्मी कम्पोस्ट और सिरोही नस्ल के बकरे वितरित किए गए।
सम्मान व आभार
गांव के कार्यकर्ताओं हीरालाल पटेल और नानालाल पटेल का सम्मान किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विशाखा सिंह (प्राचार्य, खाद एवं पोषण विभाग) ने
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