फोटो : कमल कुमावत
उदयपुर। दीपावली मेले के मंच पर स्थानीय प्रतिभाओं ने ऐसी प्रस्तुतियाँ दीं कि उन्होंने टीवी और ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित होने वाले शो को भी पीछे छोड़ दिया। जब शहर के लोगों ने लाइव प्रदर्शन देखा, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा—दांतों तले अंगुलियां दबा दीं। ओटीटी और टीवी शो के मुकाबले इस प्रोग्राम की खास बात यह थी कि यहाँ पर पाँच जज नहीं, बल्कि हजारों लोगों ने दिल खोलकर वाह-वाह की, और बच्चों की कला का सम्मान किया।
नगर निगम दीपावली मेला प्रेस समिति के अध्यक्ष छोगालाल भोई ने कहा कि इस साल का अंतरराष्ट्रीय दीपावली मेला एक अद्भुत अनुभव के साथ शुरू हुआ, जिसने शहरवासियों की शाम को यादगार बना दिया। पहले दिन, स्मार्ट सिटी उदयपुर की 22 प्रतिभाओं ने अपनी कला और प्रदर्शन से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम की धमाकेदार शुरुआत नन्ही तन्वी वंदना की गणपति वंदना के डांस से हुई, जिसने दर्शकों के दिलों में भक्ति का संचार किया। उसके बाद रिद्धिमा माहेश्वरी ने सेमी क्लासिकल डांस से ऐसा समां बांधा कि हर एक दर्शक उसकी अदाओं में खो गया।
तीसरी प्रस्तुति में आराध्या वैष्णव ने “अजीब दास्तां है ये” गाना गाकर सभी के दिलों को झकझोर दिया। उनकी अद्वितीय आवाज़ ने ऐसा जादू किया कि जैसे कला के हर रंग ने जीवन ले लिया हो। इसके बाद, राष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले यश राज वर्मा ने अपने धमाकेदार डांस से माहौल में ऊर्जा का संचार कर दिया, जिससे तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा हॉल गूंज उठा।
राजस्थान पुलिस योग टीम द्वारा प्रस्तुत एक्रो योगासन ने भी सभी को चकित कर दिया। योग के हर आसन में संतुलन और सामंजस्य की अद्भुत मिसाल पेश की गई। इसके बाद, आरक्षी पटेल और प्रभात गरासिया ने जब संगीत के सुर छेड़े, तो दर्शक अपने आप को रोक नहीं पाए और उनके साथ गुनगुनाने लगे।
इस मेले का असली जादू स्थानीय प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों में छिपा था, जो हर बार एक से बढ़कर एक थीं। हर कलाकार ने अपनी कला से दर्शकों को बांध कर रखा और उन्हें मंत्रमुग्ध किया।
आज भी, स्थानीय उभरते सितारों को मिलेगा मौका।
नगर निगम द्वारा टाउन हॉल में आयोजित इस दीपावली मेले में आज भी उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिलेगा। सोमवार की तरह, आज भी स्थानीय कलाकार संगीत और डांस की प्रस्तुतियों के साथ अपनी कला का जादू बिखेरेंगे। यह आयोजन न केवल उभरते कलाकारों को मंच प्रदान कर रहा है, बल्कि यह हमारे समाज में कला और संस्कृति के प्रति प्रेम और सम्मान को भी प्रोत्साहित कर रहा है।
इस समारोह की महक में शामिल होकर, सभी ने मिलकर एक नए सांस्कृतिक सफर की शुरुआत की है, जो हमें एकजुट करने और हमारी विविधता का सम्मान करने का संदेश दे रही है। ऐसे में, यह दीपावली मेला न केवल उत्सव है, बल्कि कला और संस्कृति का एक अनोखा समागम है जो हर दिल को छू लेता है।
About Author
You may also like
-
जयपुर टैंकर ब्लास्ट से उदयपुर में छाए मातम के बादल : ड्राइवर की स्थिति गंभीर, खलासी का मालूम नहीं, 22 सवारी घर पहुंची, 8 का अस्पताल में इलाज जारी
-
शहीदे आज़म अशफ़ाक उल्ला खान को मुस्लिम महासंघ ने खिराजे अकीदत पेश की व उनकी याद में 78 स्वेटर वितरित किए
-
वृद्ध महिला की नथ छीनकर फरार हुए बदमाश, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
-
उदयपुर पुलिस, यूट्यूबर पत्रकार और स्वास्थ्य अधिकारी : क्या है असल कहानी?
-
शिल्पग्राम महोत्सव 2024 : मणिपुरी लोक नृत्य ‘थौगोऊ जागोई’ और महाराष्ट्र का प्रसिद्ध ‘लावणी’ नृत्य करेंगे दर्शकों को मंत्रमुग्ध