भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड सिल्वर मैन्युफैक्चरर बनी हिंदुस्तान ज़िंक, इंडिया सिल्वर कॉन्फ्रेंस 2025 में मिला सम्मान

उदयपुर। भारत की एकमात्र और दुनिया की शीर्ष पाँच चांदी उत्पादक कंपनियों में शामिल हिंदुस्तान ज़िंक लिमिटेड को इंडिया सिल्वर कॉन्फ्रेंस 2025 में भारत की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड सिल्वर मैन्युफैक्चरर कंपनी के रूप में सम्मानित किया गया। यह प्रतिष्ठित सम्मान कंपनी के रणनीतिक दृष्टिकोण, संचालन में उत्कृष्टता और ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन में योगदान की वैश्विक मान्यता है।


प्रदर्शनी में दिखी भविष्य की झलक
कॉन्फ्रेंस में हिंदुस्तान ज़िंक ने 99.99% शुद्धता वाले 30 किलोग्राम और 1 किलोग्राम के सिल्वर बार्स पेश किए, जिन्हें लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) से मान्यता प्राप्त है। साथ ही गैलेना अयस्क का भी प्रदर्शन किया गया, जो सिंदेसर खुर्द (SK) खदान से प्राप्त होता है—यह खदान दुनिया की शीर्ष पांच चांदी उत्पादक खदानों में शुमार है।


20 गुना बढ़ा उत्पादन, बदली तस्वीर
वेदांता द्वारा अधिग्रहण के बाद हिंदुस्तान ज़िंक के चांदी उत्पादन में 20 गुना की वृद्धि हुई है। पहले जहां भारत चांदी के लिए विदेशों पर निर्भर था, अब हिंदुस्तान ज़िंक इस मांग को पूरा करने में अग्रणी बन चुका है। यह विनिवेश के बाद कॉर्पोरेट कुशलता का एक सफल उदाहरण भी है।


CEO अरुण मिश्रा का विज़न
हिंदुस्तान ज़िंक के CEO अरुण मिश्रा ने कहा,“हम इस बात पर गर्व करते हैं कि हम वैश्विक स्तर पर चांदी उत्पादन में अग्रणी हैं। चांदी अब न केवल आभूषणों तक सीमित है, बल्कि सोलर एनर्जी, एआई, इलेक्ट्रॉनिक्स और बायोटेक्नोलॉजी तक हर क्षेत्र में इसकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है। हमारी पंतनगर यूनिट 100% रिन्यूएबल एनर्जी पर काम करती है, जो हमारी सस्टेनेबिलिटी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”


पैनल में उभरा नया दृष्टिकोण
कॉन्फ्रेंस के दौरान हिंदुस्तान ज़िंक के चीफ मार्केटिंग एंड सेल्स ऑफिसर विजय मूर्ति ने चांदी के बदलते उपयोग और इसकी वैश्विक मांग पर प्रकाश डाला। ‘At the Core of the Clean Energy’ थीम पर आधारित हिंदुस्तान ज़िंक का पेवेलियन इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रहा। इमर्सिव 3D अनुभव बूथ के ज़रिए भीलवाड़ा की दुनिया की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड जिंक माइन और चित्तौड़गढ़ की स्मेल्टर का वर्चुअल टूर कराया गया।


सस्टेनेबिलिटी में भी सबसे आगे
हिंदुस्तान ज़िंक न केवल चांदी उत्पादन में बल्कि सस्टेनेबिलिटी में भी अग्रणी है। S&P Global Corporate Sustainability Assessment 2024 में इसे विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल एंड माइनिंग कंपनी का दर्जा मिला है। कंपनी का पंतनगर मेटल प्लांट LBMA की रिस्पॉन्सिबल सिल्वर गाइडेंस फ्रेमवर्क के तहत प्रमाणित है। यह नैतिक स्रोतों, एडवांस्ड टेक्नोलॉजी और स्थायी उत्पादन की दिशा में कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


इनोवेशन की नई मिसाल – Ecogen
हिंदुस्तान ज़िंक ने हाल ही में Ecogen लॉन्च किया है, जो एशिया का पहला कम-कार्बन ग्रीन जिंक ब्रांड है। यह पूरी तरह रिन्यूएबल एनर्जी पर आधारित है। इसके साथ ही कंपनी 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव है और 2050 तक नेट ज़ीरो एमिशन के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है।


वैश्विक पहचान, देश का गौरव
आज हिंदुस्तान ज़िंक 40 से अधिक देशों को चांदी की आपूर्ति करता है और भारत में प्राथमिक जिंक बाजार में लगभग 77% हिस्सेदारी रखता है। एक राष्ट्रीय कंपनी से वैश्विक पहचान तक का यह सफर न केवल कॉर्पोरेट सफलता की कहानी है, बल्कि भारत की मेटल इंडस्ट्री की ताकत और भविष्य की दिशा भी दर्शाता है।

इंडिया सिल्वर कॉन्फ्रेंस 2025 में हिंदुस्तान ज़िंक की यह उपलब्धि केवल एक पुरस्कार नहीं, बल्कि भारत की तकनीकी दक्षता, स्थायी विकास और ऊर्जा संक्रमण में बढ़ते योगदान की पहचान है। चांदी, जो कभी केवल गहनों और बर्तनों तक सीमित थी, अब वैश्विक इनोवेशन और क्लीन एनर्जी के केंद्र में है—और इस बदलाव के केंद्र में है हिंदुस्तान ज़िंक।

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