स्वावलंबन की ओर कदम : युवतियों ने सीखा फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण का हुनर

युवतियों के लिए तीन दिवसीय फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण प्रशिक्षण का सफल समापन
उदयपुर — महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के अनुसंधान निदेशालय में आयोजित तीन दिवसीय फल-सब्ज़ी प्रसंस्करण प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल समापन हुआ। यह प्रशिक्षण केंद्रीय कृषिरत महिला संस्थान, भुवनेश्वर के निर्देशन में संचालित अखिल भारतीय समन्वित कृषिरत महिला अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य “तकनीकी हस्तक्षेप और उद्यमशीलता विकास के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देना” था।


प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. विशाखा सिंह ने बताया कि इस कार्यक्रम में उदयपुर जिले की ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र की युवतियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रशिक्षण में टोमैटो केचप, प्यूरी, विभिन्न प्रकार के अचार एवं चटनियों के निर्माण सहित पैकेजिंग, लेबलिंग, मार्केटिंग, श्रम प्रबंधन और लाइसेंसिंग की व्यवहारिक जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. सुमित्रा ने बताया कि प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय की प्रसंस्करण इकाइयों का भ्रमण कराकर उद्योग संचालन का वास्तविक अनुभव प्रदान किया गया। परियोजना समन्वयक डॉ. विशाखा बंसल ने महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से व्यवसायिक शुरुआत की प्रेरणा दी।
मुख्य अतिथि निदेशक डॉ. अरविंद वर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों द्वारा निर्मित उत्पादों की सराहना करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अपने स्वयं के उद्यम प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया।
प्रशिक्षण में प्रतिभागी श्रीमती चंदा देवी और शांता मेघवाल ने इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया। समापन अवसर पर सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण किट वितरित की गई, जिसमें एप्रन, ग्लव्स, हेड कवर, शेफ नाइफ सेट, बीज, और संबंधित पुस्तकें शामिल थीं।
इस सफल आयोजन में यंग प्रोफेशनल्स डॉ. स्नेहा जैन, दीपाली चंदवानी, भावना और गौरव का विशेष योगदान रहा।
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