
उदयपुर। उदयपुर में 2022 में हुए टेलर कन्हैयालाल की हृदयविदारक हत्या के मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के प्रमुख आरोपी मोहम्मद जावेद और राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (NIA) को नोटिस जारी किया। यह नोटिस राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा जावेद को दी गई जमानत के खिलाफ कन्हैया लाल के बेटे, यश तेली द्वारा दायर की गई याचिका पर जारी किया गया।
कन्हैया लाल की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था, और आरोपी जावेद का नाम इसलिए अहम है क्योंकि उसने हमलावरों को कन्हैया लाल की स्थिति और ठिकाने की जानकारी दी थी। यश तेली ने अपनी याचिका में यह तर्क दिया कि उच्च न्यायालय ने जमानत देने के दौरान मामले की गंभीरता और आरोपों की प्रकृति पर सही तरीके से विचार नहीं किया।
“यह मामला बेहद संवेदनशील है, क्योंकि हत्या का उद्देश्य देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा करना था।” – एडवोकेट नमित सक्सेना, यश तेली के वकील ने याचिका में यह कहा। उनका कहना था कि आरोपी जावेद ने कन्हैया लाल की दुकान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हमलावरों तक पहुंचाई, जिससे वे अपनी योजना को सफलतापूर्वक अंजाम दे सके।
हाईकोर्ट ने जावेद को जमानत इस आधार पर दी थी कि प्रथम दृष्टया यह साबित नहीं हुआ था कि उसने हत्या के मुख्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को लेकर असंतोष व्यक्त किया है और मामले की गहन जांच करने का फैसला लिया है।
यह मामला तब सुर्खियों में आया था जब जून 2022 में दो मुख्य आरोपी – रियाज अत्तारी और गौस मोहम्मद ने कन्हैया लाल की दुकान में घुसकर उसे निर्मम तरीके से मार डाला। हत्या के बाद, आरोपियों ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो पोस्ट किया, जिसमें सांप्रदायिक नारे भी लगाए गए।
मामले की जांच अब एनआईए द्वारा की जा रही है, जिसने जावेद सहित कई अन्य आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। यह मामला एक बार फिर देश में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और आतंकी गतिविधियों के संदर्भ में चर्चा का विषय बन गया है।
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