फोटो : कमल कुमावत
बुधवार रात के 8:44 बजे। फतहसागर की लहरें चुप थीं, सूरजपोल की चहल-पहल धीमी हो चुकी थी, और शहर का दिल — हाथीपोल — सांस रोक कर कुछ खास का इंतज़ार कर रहा था। फिर… 8:45 बजे, सायरन की आवाज़ हवा में तैरने लगी। जैसे ही ये ध्वनि गूंजी, वैसे ही लेकसिटी ने चुपचाप खुद को अंधेरे के हवाले कर दिया।
यह कोई बिजली गुल होने की आम रात नहीं थी — यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा अभ्यास था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अगुवाई में और राजस्थान सरकार के निर्देश पर बुधवार रात ब्लैकआउट मॉकड्रिल की गई — और उदयपुरवासियों ने दिखा दिया कि शहर सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं, समझदारी में भी अव्वल है।
“जैसे किसी ने स्विच ऑफ कर दिया हो पूरा शहर”
हर गली, हर चौक, हर मकान मानो किसी अदृश्य अनुशासन से बंधा हो। लोगों ने समय से पहले अपने मोबाइल साइलेंट किए, अपने वाहन किनारे लगाए, और जैसे ही सायरन बजा — लाइट्स गुल।
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती…
जब कुछ बल्ब ‘जिद्दी’ निकले…
राजनगर में एक मिठाई की दुकान, भूपालपुरा में एक मेडिकल स्टोर और हिरणमगरी में एक मोबाइल शोरूम — लाइट्स धड़धड़ जल रही थीं। पुलिस की टीम गश्त पर थी। तुरंत दुकानों पर दस्तक दी गई। दुकानदार पहले थोड़े चौंके, फिर संजीदगी से स्विच ऑफ किया। SP योगेश गोयल की निगरानी में पुलिस ने जगह-जगह घूमकर यह सुनिश्चित किया कि कोई “भूल” ना कर बैठे।
एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने हँसते हुए कहा, “कुछ लोग शायद IPL मैच में इतने खो गए थे कि ब्लैकआउट का ‘सिग्नल’ मिस कर बैठे। हमने उन्हें याद दिलाया — और लाइट्स भी बंद करवाईं।”
सड़कों पर पसरा सन्नाटा — जैसे किसी फ़िल्म का सीन
आमतौर पर रात 9 बजे तक जिन रास्तों पर ट्रैफिक की चीख-पुकार होती है, वहां उस वक्त चुप्पी थी। बस हल्के-हल्के चलती गश्ती गाड़ियों की लाल-नीली लाइटें और हवा में तैरती शांति।
एक बाइक सवार युवक ने बताया, “मैं ऑफिस से लौट रहा था, अचानक सायरन बजा और सामने का पूरा रास्ता अंधेरे में डूब गया। मैंने भी बाइक साइड में लगाई और लाइट ऑफ कर दी। उस पल लगा जैसे हम सब एक टीम हैं।”
ठीक 9 बजे… और शहर फिर से जी उठा
जैसे ही घड़ी ने 9:00 बजाए, एक बार फिर सायरन की आवाज़ आई — और साथ ही लौटी उदयपुर की रौशनी। हर तरफ फिर से बिजली की लहर दौड़ने लगी, दुकानें खुलीं, ट्रैफिक बहाल हुआ, और जिंदगी अपने रूटीन पर लौट गई।
कलेक्टर और एसपी का संदेश: “आपकी जागरूकता देश की ताकत है”
जिला कलेक्टर नमित मेहता और एसपी योगेश गोयल ने पूरे जिलेवासियों को धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के इस अभ्यास में नागरिकों की भागीदारी अभूतपूर्व रही। ऐसी सजगता ही किसी संकट में देश को मजबूत बनाती है।”
ये ब्लैकआउट सिर्फ अंधेरा नहीं था, एक इम्तिहान था — जिसमें उदयपुर पास हो गया।
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