उदयपुर। शक्ति नगर स्थित झूलेलाल भवन में सोमवार से सिंधी समाज की महिलाओं के लिए एक अनोखा और स्वाद से भरपूर दस दिवसीय ‘सिंधी रसोई’ शिविर शुरू हुआ है। पूज्य जैकब आबाद पंचायत की ओर से आयोजित इस शिविर का उद्देश्य पारंपरिक सिंधी व्यंजनों की विधियों को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना और घरेलू महिलाओं को खान-पान की विरासत में दक्ष बनाना है।
इस शिविर में प्रतिदिन शाम 4 बजे से 6 बजे तक सिंधी व्यंजन बनाना सिखाया जाएगा। अब तक 200 से अधिक महिलाओं का पंजीकरण हो चुका है और अनुमान है कि यह संख्या 250 तक पहुंच सकती है। प्रशिक्षण का नेतृत्व उदयपुर के प्रसिद्ध सिंधी शेफ करेंगे, जो हर दिन दो शाही रेसिपी बनाकर सिखाएंगे।
डिजिटल तकनीक का भी होगा सहारा
झूलेलाल भवन में प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लाइव कैमरा और प्रोजेक्टर की व्यवस्था की गई है ताकि हर कोना व्यंजन विधियों को बारीकी से देख सके। महिलाएं लाइव डेमो के साथ-साथ प्रश्न पूछकर भी शेफ से संवाद कर सकेंगी।
शिविर की कमान संभालेंगी महिलाएं
शिविर का संचालन ज्योति राजानी, मोनिका राजानी, अर्चना चावला, वैशाली मोटवानी और जया पहलवानी के नेतृत्व में किया जा रहा है। झूलेलाल सेवा समिति के अध्यक्ष दादा प्रताप राय जी चुग ने बताया कि, “हमारी बहू-बेटियाँ इस प्रशिक्षण के लिए अत्यंत उत्सुक हैं और पारंपरिक सिंधी स्वाद को आधुनिक प्रस्तुति के साथ सीखने के लिए तैयार हैं।”
पंचायत के महासचिव राजेश चुग ने बताया कि, “हमारी संस्कृति हमारी पहचान है और इसे संजोकर अगली पीढ़ी को सौंपना हमारी जिम्मेदारी है। ‘उदयपुर किचन क्वीन’ नाम से शुरू किया गया यह शिविर इसी दिशा में एक सशक्त प्रयास है।”
यह व्यंजन सिखाए जाएंगे
इस शिविर में जिन व्यंजनों की विधियाँ सिखाई जाएंगी, वे हैं:
टक आलू और भीय बसर – रिंकी तेजवानी
मलाईदार रबड़ी – महिमा चुग
सतपुड़ा और नान कताई – शोभा किशनानी
दाल माखनी – खुशबू मूलचंदानी
सिंधी खुराक ब्रूशेटा – मुस्कान मनवानी
पनीर सुतली शॉट्स – दिशा बजाज
कुकीज – शेफ रश्मि किशोर
टी टाइम केक – दिव्या राजानी
सिंगर की मिठाई – माया ठाकुर
पिज़्ज़ा बन विद बेस – प्रिया तलरेजा
फालूदा आइसक्रीम – अनीता भाटिया
दाल पकवान – हिना तनवानी
चॉकलेट्स – उर्मि वरलानी
सोया चाप रोल – सिमरन पाहुजा
वड़ी जी भाजी – रेखा वाधवानी
मैंगो मुरब्बा – जय जेठानी
बीटरूट हमस और एवोकाडो टोस्ट – भारती मोटवानी
बेसन की टिक्की – माधुरी करेरा
प्रशिक्षण में होगी सहभागिता और संवाद
हर दिन व्यंजन बनाने के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को प्रश्न पूछने की भी अनुमति होगी। इससे वे न केवल रेसिपी को बेहतर ढंग से समझ पाएंगी, बल्कि यदि कोई गलती हो भी जाए, तो उसे सुधारने का भी मौका मिलेगा।
सहयोगियों की भूमिका
शिविर के आयोजन में हरीश सिदवानी, सुरेश चावला, किशोर सिदवानी, भारत खत्री, कैलाश नेभनानी, कमलेश राजानी, राहुल निचलानी, मोहन माखीजा, गोपाल मेहता, कमल पाहुजा, अशोक लिंजारा एवं उनकी टीम का विशेष योगदान रहा है।
‘सिंधी रसोई’ शिविर केवल एक कुकिंग क्लास नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है। यह सिंधी समाज की महिलाओं को पारंपरिक व्यंजनों में दक्षता प्रदान करने के साथ-साथ उनमें आत्मविश्वास भी भर रहा है। इस तरह के आयोजन न केवल स्वाद को संजोते हैं बल्कि समाज को एक सूत्र में पिरोते हुए सांस्कृतिक धरोहरों को जीवंत बनाए रखते हैं।
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