
टेरी रिचर्डसन, एक समय फैशन फोटोग्राफी की दुनिया का चर्चित नाम, अपनी विवादास्पद और अक्सर शॉक वैल्यू से भरी इमेजरी के लिए जाना जाता था। लेकिन 2010 के बाद उनके ऊपर लगे यौन दुर्व्यवहार के आरोपों ने उनके करियर को अंधकार में धकेल दिया। 2017 में, जब कॉन्डे नास्ट जैसी संस्थाओं ने रिचर्डसन से संबंध तोड़ दिए, तब लगा था कि फैशन इंडस्ट्री ने एक ठोस स्टैंड लिया है।
परंतु 2025 में Arena Homme+ पत्रिका द्वारा उनके द्वारा खींचे गए दो कवर और एक पोर्टफोलियो प्रकाशित कर देना न केवल एक नैतिक प्रश्न खड़ा करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि मीडिया और फैशन जगत में “सदमे और सनसनी” की भूख अब भी न्याय और उत्तरदायित्व से बड़ी है।
क्या यह श्रद्धांजलि है या PR रणनीति?
Arena Homme+ के संपादक एशले हीथ ने इस काम को दिवंगत फिल्म निर्माता डेविड लिंच को श्रद्धांजलि बताया है। लेकिन यह सवाल अनदेखा नहीं किया जा सकता कि डेविड लिंच की स्मृति का उपयोग एक विवादास्पद फ़ोटोग्राफ़र की वापसी को वैधता देने के लिए किया जा रहा है। संपादक का यह कहना कि “यह काम फैशन नहीं है” और “टेरी का करियर फिर से शुरू करने की कोशिश नहीं है,” एक प्रकार का बचाव है, जो आलोचना से बचने की रणनीति जैसी प्रतीत होती है।
फिर सवाल उठता है — क्या एक दोषारोपित फोटोग्राफर को “ग़ैर-फ़ैशन श्रद्धांजलि” के नाम पर फिर से वही मंच और स्पेस दिया जा सकता है जो महिलाओं और पीड़ितों के लिए अपमानजनक यादें लेकर आता है?
फैशन की दोहरी नैतिकता
फैशन इंडस्ट्री ने #MeToo मूवमेंट के बाद नैतिकता, समावेशन और जवाबदेही की बातें की थीं। कई मॉडल, क्रिएटिव और कार्यकर्ता लगातार इस बदलाव को टिकाऊ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। फिर भी, टेरी रिचर्डसन जैसे लोगों को दोबारा प्लेटफॉर्म देना बताता है कि ये बातें कितनी सतही हो सकती हैं।
फैशन टिप्पणीकार कैरिन फ्रैंकलिन ठीक ही सवाल करती हैं:
“हम एक ऐसे आदमी को क्यों फिर से वही करने की अनुमति दे रहे हैं, जिसने कभी माफ़ी नहीं मांगी, कभी जवाब नहीं दिया और कभी जवाबदेही नहीं ली?”
पीछे से आगे तक सक्रिय
टेरी रिचर्डसन ने सार्वजनिक रूप से भले ही वर्षों तक काम नहीं किया, लेकिन कई रिपोर्टों के अनुसार वे पर्दे के पीछे सक्रिय रहे। जनवरी 2025 में Enfants Riches Déprimés ब्रांड के लिए उनके द्वारा शूट किए गए एक फोटोबुक ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि उनकी वापसी की बुनियाद तैयार हो रही थी।
एक महिला मॉडल को हथकड़ी में दिखाना, या एक बच्चा बंदूक लिए खड़ा करना — ये ऐसी इमेज हैं जो फिर से उनकी “टेरीवर्ल्ड” शैली को ज़िंदा करती हैं। यह वही शैली है जो कई बार महिला वस्तुनिष्ठकरण और यौन हिंसा की कल्पनाओं से जुड़ी रही है।
कला बनाम नैतिकता
यह बहस पुरानी है — क्या कलाकार का निजी आचरण उसकी कला से अलग देखा जा सकता है?
लेकिन जब कलाकार की कला ही उसी व्यवहार का विस्तार हो, जैसे कि रिचर्डसन के मामले में है, तब यह तर्क खोखला हो जाता है।
सारा ज़िफ़ जैसी कार्यकर्ता यह स्पष्ट करती हैं कि इस तरह के चयन न केवल नैतिक असंवेदनशीलता दर्शाते हैं, बल्कि यह संकेत भी देते हैं कि विवाद अब भी “मार्केटेबल” हैं।
“यह प्रासंगिकता बनाए रखने के प्रयास में विवाद पैदा करने की पुरानी कोशिश है।”
लिंग संतुलन और शक्ति संरचना
2024 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, फैशन उद्योग में केवल 24% लीडरशिप रोल महिलाओं के पास हैं। और यही बात इस वापसी को और भी संदिग्ध बनाती है। टेरी रिचर्डसन जैसे गोरे पुरुषों को बार-बार दूसरा मौका मिलता है, जबकि महिला कलाकारों और रंग के लोगों को ज़्यादा संघर्ष करना पड़ता है।
यह पावर डायनैमिक्स का क्लासिक उदाहरण है — जिनके पास शक्ति है, वे न केवल अपनी ग़लतियों से बच निकलते हैं, बल्कि समय के साथ उन्हें वापस बहाल कर दिया जाता है।
पीड़ितों की चुप्पी नहीं, समाज की ज़िम्मेदारी
टेरी रिचर्डसन के खिलाफ आरोप लगाने वाली महिलाएँ न केवल अपने करियर को खतरे में डालती हैं, बल्कि सार्वजनिक संदेह और जांच का सामना भी करती हैं। ऐसे में यदि उनके आरोपों को न्याय नहीं मिलता, और आरोपी को दोबारा मंच दे दिया जाता है, तो यह केवल उनके साथ अन्याय नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक विफलता है।
निष्कर्ष: क्या फैशन वाकई बदला है?
टेरी रिचर्डसन की वापसी एक प्रतीक है — एक पुरानी संस्कृति के लौट आने का, जिसमें शक्ति और प्रसिद्धि, जवाबदेही से ऊपर मानी जाती थी। जबकि दुनिया और फैशन दोनों ने परिवर्तन की बात की है, यह घटना दिखाती है कि सतह के नीचे वही सड़ा हुआ ढांचा अब भी मौजूद है।
यदि मीडिया, प्रकाशक और ब्रांड्स वास्तविक बदलाव चाहते हैं, तो उन्हें विवादास्पद शख्सियतों को पुनर्स्थापित करने के बजाय, नए और नैतिक कलाकारों को जगह देनी होगी।
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