इस क्राइम स्टोरी में लालच, धोखा और बदले की आग सब कुछ है…पुलिस ने बड़ी साजिश बनने से पहले ही कर दिया नाकाम

उदयपुर। शहर में अवैध हथियारों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के दौरान हिरणमगरी थाना पुलिस ने शुक्रवार को एक बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 15 जिंदा कारतूस और एक मोटरसाइकिल जब्त की है। खास बात यह है कि यह आरोपी किसी वारदात को अंजाम देने से पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए।
गिरफ्तार आरोपी
• रमेश चंद्र लोहार (29) पुत्र पन्ना लाल लोहार, निवासी संग्रामपुरा, थाना कानोड
• कैलाश चंद्र लोहार (32) पुत्र पन्ना लाल लोहार, निवासी संग्रामपुरा, थाना कानोड
• सुरेंद्र सिंह शक्तावत (29) पुत्र गटू सिंह शक्तावत, निवासी गेणावटिया, थाना कानोड
षड्यंत्र का सच
प्रारंभिक पूछताछ में कहानी और भी चौंकाने वाली निकली।
• पैसे डबल करने का झांसा: आरोपी रमेश चंद्र लोहार ने बताया कि उसे सोढाणा निवासी मोहन दास वैष्णव ने तांत्रिक विधियों से पैसे डबल करने का लालच दिया था। रमेश ने उस पर भरोसा कर 5 लाख रुपये सौंप दिए, लेकिन एक साल गुजरने के बाद भी न तो रकम वापस मिली और न ही ‘डबल’ हुई।
• जमीन विवाद की दुश्मनी: इसी बीच रमेश की मुलाकात सुरेंद्र सिंह शक्तावत से हुई, जो अपने ही भाई हिम्मत सिंह से जमीन विवाद में उलझा था। हिम्मत ने मकान निर्माण रोकने के लिए कोर्ट से स्टे ले रखा था।
दोनों ने अपनी-अपनी दुश्मनियों से छुटकारा पाने के लिए खतरनाक योजना बनाई—मोहन दास और हिम्मत सिंह को अवैध हथियारों के झूठे केस में फंसाना। इसके लिए दोनों भाइयों ने रमेश, कैलाश और सुरेंद्र ने मिलकर 15 जिंदा कारतूस जुटाए और योजना बनाई कि इन्हें मोटरसाइकिल में छुपाकर पुलिस को सूचना दे देंगे।
पुलिस ने काटा खेल
लेकिन इससे पहले कि उनका षड्यंत्र कामयाब होता, थाना हिरणमगरी प्रभारी भरत योगी व टीम ने आरोपियों को दबोच लिया। पुलिस ने मौके से कारतूस बरामद किए और तीनों को गिरफ्तार कर आर्म्स एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। अदालत से तीनों का तीन दिन का पुलिस रिमांड मंजूर हुआ है।
ऑपरेशन की टीम
इस सफलता में थाना प्रभारी भरत योगी, उपनिरीक्षक ममता देवी, हैडकॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह, रामस्वरूप, कॉन्स्टेबल आनंद सिंह, कल्पेश पटेल और विजय सिंह की विशेष भूमिका रही।

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